उत्तराखंड में बाघ गणना एक से, मोबाइल एप का होगा इस्तेमाल

देहरादून : देश के 18 राज्यों में फरवरी में होने वाले ‘अखिल भारतीय बाघ आकलन-2018’ के लिए उत्तराखंड में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य में बाघ गणना एक फरवरी से प्रारंभ होगी। कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व लैंडस्केप के साथ ही 12 वन प्रभागों में वनकर्मी बाघ गणना को जुटेंगे।

यह कार्य पूरा होने के बाद द्वितीय चरण में गर्मियों में प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों सहित अन्य इलाकों में भी बाघों की गिनती की जाएगी। इन क्षेत्रों में लगे कैमरा ट्रैप में अक्सर बाघों की तस्वीरें कैद होती आई हैं, जिसे देखते हुए वहां भी इनकी संख्या का पता लगाने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में होने वाली बाघ गणना इस बार कई मायनों में खास होगी। पहली बार इसमें मोबाइल एप के जरिये डाटा कलेक्शन किया जाएगा। बाघ गणना के नोडल अधिकारी एवं अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन के मुताबिक गणना के संबंध में सभी कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि इस बार बाघ गणना संबंधी आंकड़े जुटाने को विशेष तौर पर तैयार किए गए ‘एम स्ट्राइप एप’ का प्रयोग किया जाएगा। इस एप के लिए गणनाकर्मियों को विशेष कोड मिलेगा और वे इसमें जानकारी भरेंगे। इससे आंकड़ों का विश्लेषण करने में सहूलियत मिलेगी।

डॉ. धनंजय ने बताया कि विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इन दिनों गणना को लेकर मॉक अभ्यास किया जा रहा है, ताकि आंकड़े जुटाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि राज्य में एक फरवरी से प्रारंभ होने वाला बाघ आकलन मार्च तक चलेगा। हर बीट में बाघ गणना के लिए आठ से 10 दिन का वक्त लगेगा। इसके बाद गर्मियों में द्वितीय चरण में राज्य के दूसरे क्षेत्रों में बाघों की गणना की जाएगी।

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