निगम बढ़ाएगा जनता पर टैक्स का बोझ, 2018-19 के लिए बजट प्रस्ताव पेश
नई दिल्ली । उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लोगों पर नए कर का बोझ डालने की तैयारी में है। निगम का मानना है कि अगर इन करों की वसूली को मंजूरी मिल जाती है तो वर्ष 2018-19 के अंत तक वह आत्मनिर्भर बन जाएगा।
बजट प्रस्ताव पेश
एनडीएमसी के आयुक्त मधुप व्यास ने मंगलवार को स्थायी समिति के समक्ष 2018-19 के लिए बजट प्रस्ताव पेश किया। आयुक्त ने निगम की खराब आर्थिक हालत का जिक्र किया। उन्होंने निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुधार के साथ वृत्ति, आजीविका और नियोजन कर (प्रोफेशनल टैक्स) लगाने का प्रस्ताव दिया है।
इसके साथ ही निगमायुक्त ने आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों पर संपत्तिकर की दरों को एक समान कर दिया है। निगमायुक्त ने आवासीय संपत्तियों से 15 फीसद और व्यावसायिक संपत्तियों से 20 फीसद तक संपत्तिकर लेने का प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव से एच, जी और एफ श्रेणी के करदाताओं पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा।
अब तक सात फीसद की दर से संपत्तिकर चुकाने वाले एच, जी और एफ श्रेणी के करदाताओं को 15 फीसद तक का कर चुकाने का प्रस्ताव किया गया है, वहीं ए और बी श्रेणी के करदाताओं को 12 से 15 फीसद और सी,डी और ई श्रेणी के करदाताओं को 15 फीसद तक का संपत्तिकर करने का प्रस्ताव है।
भार पॉश कॉलोनियों पर पड़ेगा
निगम के मुताबिक विकास व ढांचागत सुधार और यातायात सुविधाओं व कॉलोनियों के नियमितीकरण के कारण हुए सुधार के लिए 15 फीसद की दर से अधिक संपत्तिकर देना होगा। निगम इससे करीब 450 करोड़ रुपये सालाना आय अर्जित करेगा। इसका सीधा भार पॉश कॉलोनियों पर पड़ेगा। ढाई लाख रुपये से अधिक आय वाले लोगों पर प्रस्तावित प्रोफेशनल टैक्स से निगम को 100 करोड़ की अतिरिक्त आय की उम्मीद है।
कैसे लगेगा प्रोफेशनल टैक्स
एक ओर केंद्र सरकार सभी टैक्स को खत्म कर एक करने की कोशिश कर रही है तो वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नए करों की घोषणा की गई है। इसमें सबसे अहम प्रोफेशनल टैक्स है। इस टैक्स का बोझ उन लोगों पर पड़ेगा जो पहले से ही आयकर जमा करते हैं।
निगम आयुक्त मधुप व्यास की ओर से दिए गए बजट प्रस्ताव के मुताबिक ढाई से लेकर पांच लाख रुपये तक की आय वालों को 1200 रुपये प्रतिवर्ष देना होगा, वहीं 5 से 10 लाख रुपये की आय वालों को 2400 रुपये सालाना और 10 लाख से अधिक आय वाले लोगों को 2500 रुपये वार्षिक प्रोफेशनल टैक्स के रूप में देने होंगे। इसमें प्रतिवर्ष आय अर्जित करने वाले वेतन भोगियों, परामर्शदाता, बीमा एजेंट व व्यापारी उद्यमी आदि लोग शामिल होंगे।
100 करोड़ रुपये की सालाना आमदनी की उम्मीद
निगम को इससे 100 करोड़ रुपये की सालाना आमदनी की उम्मीद है। हालांकि इन बजट प्रस्तावों पर चर्चा के बाद संशोधन और खारिज होने की भी संभावना है, क्योंकि निगमायुक्त की ओर से पेश किए गए बजट प्रस्ताव पर स्थायी समिति और सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से चर्चा होगी।