डीडीए खत्म होने तक उग्र आंदोलन रहेगा जारी
अल्मोड़ा। डीडीए विरोध में सर्वदलीय संघर्ष समिति ने यहां चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन कर डीडीए को शीघ्र समाप्त करने की मांग की। मंगलवार को धरना स्थल पर नगर कांग्रेस अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला ने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष करन मेहरा ने सदन में जिस तरह से इस ज्वलंत मुद्दे को उठाकर इसका पुरजोर किया। जिसके पश्चात पीठ द्वारा सरकार को निर्देशित किया गया कि पहाड़ी क्षेत्रों में प्राधिकरण के लिए पुनः सर्वे कराया जाए। जिसके सर्वे होने के पश्चात ही यह तय किया जाए पहाड़ों में प्राधिकरण लागू किया जाना चाहिए कि नही। जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक ने कहा कि प्राधिकरण के अंर्तगत जिला स्तर के विकास क्षेत्र की कोई महायोजना नही है ना ही क्षेत्रीय योजना है और जिले का विकास प्लान, मास्टर प्लान, जोनल प्लान भी नही बनाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिना किसी व्यापक तैयारी के भौगोलिक सर्वेक्षण के बिना ही जबरन डीडीए लागू किया गया है जो कि अव्यावहारिक है। हर्ष कनवाल ने कहा कि आवास एवं शहरी विकास मंत्री द्वारा दिया गया यह बयान सरकार की जनविरोधी नीतियों को स्पष्ट करवा रहा है, जबकि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण अल्मोड़ा द्वारा आवेदन शुल्क, विकास शुल्क, उपविभाजन शुल्क, प्रपत्र शुल्क, पर्यवेक्षण शुल्क, भूकृउच्चीकरण शुल्क लिए जा रहे है। जो कि प्रदेश सरकार की कथनी व करनी को दर्शाते है। इस अवसर पर सर्वसम्मति से तय हुआ कि यदि शीघ्र प्रदेश सरकार द्वारा डीडीए को समाप्त नही किया गया तो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। धरने में पूरन सिंह रौतेला, राजीव कर्नाटक, दीपांशु पांडे, पुष्कर पांडे, विधिक सलाहकार वरिष्ठ अधिवक्ता रोहित सिंह कार्की, लीला खोलिया, आनंद सिंह बगड़वाल, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, दीवान धपोला, हर्ष कनवाल, रमेश नेगी, गौरव जसवाल, प्रताप सिंह सत्याल, हेम चंद्र तिसरी, दीपक कुमार टम्टा, एमएस बिष्ट, आनंदी वर्मा, अंकुमर कांडपाल, पूरन चंद्र तिवारी, प्रकाश जोशी, सीएस बनकोटी, विनेद तिवारी, अख्तर हुसैन, आशोक पांडे, जमन सिंह बिष्ट, तारा चंद्र साह, रितिक नयाल आदि लोग मौजूद थे।