हार्इवे पर खतरा बनी जेसीबी, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
अल्मोड़ा: रानीखेत-खैराना स्टेट हाईवे यानी पुराना चार धाम यात्रा मार्ग पर संकट कम गहराता ही जा रहा है। कहीं धराशयी सुरक्षात्मक दीवारें तो कहीं क्षतिग्रस्त क्रेस बैरियरों की मार से कराह रहे हाईवे पर ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर केबल) बिछाने के कार्य ने मुसीबत बढ़ा दी है। अतिसंवेदनशील कनवाड़ी की पहाड़ी के ठीक नीचे जेसीबी मशीन से खुदाई होने से जहां पहाड़ी से भूस्खलन होने से खतरा बढ़ गया है तो वहीं हाईवे के बीचो-बीच दरारें गहरी हो गई हैं।
अति संवेदनशील रानीखेत-खैराना स्टेट हाईवे पर खतरा बढ़ता देखने के बाद भी विभागीय अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। खैरना से रानीखेत तक जगह-जगह भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, बावजूद इसके ओएफसी केबल बिछाने के कार्य में जेसीबी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे मुसीबत और भी बढ़ गर्इ हैं।
भुजान के समीप अतिसंवेदनशील कनवाड़ी की पहाड़ी के ठीक नीचे जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही है। जबकि यहां हाईवे के बीचो-बीच गहरी दरारें पड़ी हुर्इ हैं, जो खुदार्इ से और फैल रही है। इसके साथ ही वाहनों के बढ़ते दबाव से भी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। इससे क्षेत्र में भूधंसाव होने का खतरा बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही जेसीबी मशीन से हो रहे खदान पर रोक नहीं लगाई गई और हाईवे पर चोड़ी हो रही दरारों पर सुरक्षात्मक कार्य नहीं किया गया तो स्टेट हाईवे का बड़ा हिस्सा कोसी नदी में समा जाएगा। जिससे हाईवे पर यातायात प्रभावित होगा। उन्होंने जल्द ही स्टेट हाईवे को दुरुस्त किए जाने की मांग उठार्इ है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वो आंदोलन करेंगे।
वहीं लोकनिर्माण विकास विभाग के प्रांतिय खंड ईई केएल वर्मा का कहना है कि ओएफसी लाइन बिछाने के दौरान कठोर चट्टान आने पर सिर्फ ड्रिल करने की अनुमति दी गई है। लगातार निगरानी की जा रही है। भुजान के समीप जिस स्थान पर दरार आई है उसका जल्द निरीक्षण किया जाएगा।