इंदिरा के करीबी व कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले माखनलाल फोतेदार का निधन

नई दिल्ली । कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री माखनलाल फोतेदार का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 85 साल के थे। उन्होंने आज गुरुग्राम के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। कांग्रेस के सीनियर नेता और भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले माखन लाल फोतेदार परिवार के साथ गुरुग्राम में रहते थे। उनकी दो बेटियां और तीन बेटे हैं।

माखनलाल फोतेदार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के करीबी रहे। उन्हें राजनीति का चाणक्य भी माना जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

इंदिरा गांधी ने कहा कि अपने पांच दशक के लंबे और सक्रिय राजनीतिक करियर में फोतेदार बिना थके लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते रहे।

मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले फोतेदार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू राजनीति में लाए थे। 1980 में इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना राजनीतिक सचिव नियुक्त किया था। उनकी हत्या के बाद राजीव गांधी ने भी फोतेदार को तीन साल तक राजनीतिक सचिव बनाए रखा। बाद में वह केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बने।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी फोतेदार काफी समय तक रहे। 1967 से 1977 तक वह पहलगाम विधानसभा से विधायक रहे। साथ ही दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे। वर्तमान में वह कांग्रेस कार्यसमिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य थे। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए काफी संघर्ष किया।

विवादों से रहा नाता, सोनिया-राहुल पर उठाए थे सवाल

फोतेदार ने यूपीए-1 और यूपीए-2 के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कांग्रेस की रणनीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सोनिया गांधी की कांग्रेस और इंदिरा गांधी की कांग्रेस में जमीन-आसमान का फर्क है।

पार्टी से बना ली थी दूरी, किताब के जरिये किया कटाक्ष

उनकी सोनिया गांधी से नहीं बन पाने की वजह से वो पार्टी में साइड हो गए थे। फोतेदार ने अपनी किताब ‘द चिनार लीव्स’ में भी भारतीय राजनीति और नेताओं को लेकर कई अहम बातें कही हैं। किताब में उन्होंने राहुल और सोनिया पर सवाल उठाएं हैं, जबकि प्रियंका गांधी को इंदिरा का असली वारिस बताया था।

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