वायु प्रदूषण की स्थिति बदतर होने पर अब कृत्रिम बारिश कराएगी योगी सरकार
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने इसको लेकर कल प्रदेश की शीर्ष अफसरशाही के साथ बैठक की। इसके बाद उनको इस समस्या से निपटने के लिए तत्काल एक्शन मोड में आने के साथ कूड़ा जलाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ ही राजधानी लखनऊ में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कर शहरी क्षेत्रों में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निकाय यह सुनिश्चित करें कि कूड़ा किसी भी हाल में न जलाया जाए। सीएम ने अफसरों को हिदायत दी कि राजधानी समते सभी जिलों में कूड़ा और पराली जलाने पर पाबंदी आदेश जारी करके ही चुप न बैठ जाएं। लखनऊ के आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर पराली जलाए जाने की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि सिर्फ जुर्माना लगाने से काम नहीं चलेगा। जहां इस तरह के मामले आ रहे हैं। वहां मौके पर जाकर उसे रुकवाएं। उन्होंने सड़कों पर वाहनों से उडऩे वाली धूल-मिट्टी से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नगर निगम व फायर ब्रिगेड के टैंकरों से पानी का छिड़काव करवाने के निर्देश दिए।
वायु प्रदूषण के मामले में राजधानी लखनऊ की स्थिति बिगडऩे के बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के मंत्रियों व अफसरों की बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं इसलिए पुराने वाहनों की समीक्षा की जाए। आवश्यकता पडऩे पर इन्हें हटाया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि अपशिष्ट (पराली) जलाने से रोकने के लिए डीएम को निर्देशित किया जाए। किसानों को इस बारे में जागरूक किया जाए। उन्हें इसके जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाए। कृषि विभाग इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ट्रैफिक का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ट्रैफिक जाम न लगे इसके लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भी जरूरी कार्रवाई की जाए।
आइआइटी की मदद से लखनऊ में करायी जाए कृत्रिम बारिश
मुख्यमंत्री ने कहा लखनऊ में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आइआइटी कानपुर की मदद से नई तकनीक के जरिये कृत्रिम बारिश करायी जाए। इससे राजधानी के वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए तकनीक का प्रयोग जरूरी है। योगी सरकार यूपी के शहरों में हेलिकॉप्टर से बारिश करवाएगी। उत्तर प्रदेश के कई शहरों की हवा में घुले जानलेवा जहर से लोगों को निजात दिलवाने के लिए हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी।
लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों की हवा में घुले जानलेवा जहर से लोगों को निजात दिलवाने के लिए हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी। इसके अलावा अन्य शहरों में वाटर टैंकर और स्प्रिंकल मशीन से बारिश करवाने के आदेश दिए गए हैं। हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश करने के लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर इस बारे में तत्काल एक कार्ययोजना बनाई जाए। विचार जरुर किया जाए कि प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए यह तरीका कितना कारगार होगा।
बस अड्डों में बसों का प्रबंधन किया जाए ठीक
मुख्यमंत्री ने जाम से निपटने के लिए बस अड्डों में बसों को ठीक से खड़ा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बसों के उलटा-सीधा खड़ा करने से बस अड्डों के आस-पास अक्सर जाम लगता है। लखनऊ के कैसरबाग बस अड्डे में बसों के संचालन सुव्यवस्थित किया जाए।
लखनऊ मेट्रो के निर्माण कार्य से भी न उड़े धूल
योगी ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के निर्माण के लिए शहर में जहां भी सड़कों के किनारे ट्रेंच खोदी गई हैं, उन्हें शीघ्र भर दिया जाए। यहां ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि धूल न उड़े और वायु प्रदूषण को नियंत्रण किया जा सके।
एफएम रेडियो से किया जाए प्रचार
मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग से कहा कि एफएम के साथ ही कम्युनिटी रेडियो के जरिए आम जनता को कूड़ा व पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जाए। वाहन प्रदूषण रोकने के लिए 15 जनवरी 2018 तक एक जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसके जरिए लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।
बैठक में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यावरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेन्द्र तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव पर्यावरण रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह सहित अन्य अफसर मौजूद थे।
क्या हैं यूपी सरकार के निर्देश
शहरी क्षेत्रों में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध।
नगर निगम और फायर ब्रिगेड के टैंकरों से पानी का छिड़काव।
ट्रैफिक का प्रभावी संचालन।
वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कार्रवाई।
ग्रामीण क्षेत्रों में पराली जैसी चीजों को जलाने से रोकने का निर्देश।
किसानों-जनता में जागरुकता।
आईआईटी कानपुर की मदद से कृत्रिम बरसात।
एफएम- कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से कूड़ा, कृषि अपशिष्ट न जलाने की अपील।
15 जनवरी, 2018 तक जागरूकता अभियान।
यूपी में कहां कितना प्रदूषण (15 नवंबर को एक्यूआई स्तर)
गाजियाबाद- 418
लखनऊ-404
मुरादाबाद-392
कानपुर- 373
नोएडा- 367।