लखनऊ में कड़ी सुरक्षा में निकाला गया चुप ताजिया का जुलूस

लखनऊ । प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज चुप ताजिया का जुलूस कड़ी सुरक्षा के बीच निकाला गया। चुप ताजिये का जुलूस सुबह की नमाज के बाद नाजिम साहब इमामबाडे से शुरू होकर तय मार्ग से रौजा-ए-काजमैन पर समाप्त हुआ।

हजरत इमाम हुसैन के गम के अंतिम दिन इमामबाड़ा नाजिम साहेब से चुप ताजिये का जुलूस अकीदत और एहतराम के साथ गमगीन माहौल में निकाला गया। जिस तरह से शाही जरी के जुलूस को मोहर्रम का आगाज माना जाता है। उसी तरह से चुप ताजिये को मुहर्रम के खत्म होने का ऐलान माना जाता है। चुप ताजिये का जुलूस सुबह की नमाज़ के बाद नाजिम साहब के इमामबाडे से शुरू हुआ जो तय रास्तों से होता हुआ रौज़ा-ए-काजमैन पहुंच के समाप्त हुआ।

जुलूस के पूर्व अलविदाई मजलिस को मौलाना यासूब अब्बास ने खिताब किया। कर्बला के शहीदों के गम में निकाला जाता है जुलूस कर्बला के शहीदों के गम में दो महीने आठ दिन बाद मनाया जाने वाला मोहर्रम आज चुप ताजिए का जुलूस के साथ पूरा हो गया। नाजिम साहब इमामबाड़े के सुबह की नमाज के बाद निकाले गए जुलूस में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इसके बाद यह जुलूस रौजा-ए-काजमैन में जाकर संपन्न हुआ। जिला प्रशासन ने जुलूस को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया था।

चुप ताजिये का जुलूस चौक के विक्टोरिया स्ट्रीट के नाजिम साहब के इमामबाड़े में सुबह की नमाज के बाद मजलिस को मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक ने संबोधित किया। इसके बाद इमामबाड़े से चुप ताजिया का जुलूस निकाला गया।

जुलूस नक्खास, टुडिय़ागंज, अशरफाबाद, गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज, मंसूर नगर तिराहा होता हुआ शियायातीम खाने के सामने से रौजा-ए-काजमैन पहुंचा। जुलूस में शामिल तबर्रुक आपकी अकीदतमंदों ने जियारत कराई। इसके बाद रौजा-ए-काजमैन में ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

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