चीनी उत्पादों के बहिष्कार से बाजार हुआ ठंडा, ‘मेक इन इंडिया’ की मांग में इजाफा
नई दिल्ली । चीन के उत्पादों के बहिष्कार का असर मोबाइल फोन और कंप्यूटर उपकरणों के बाजार पर पड़ा है। मोबाइल फोन उपकरण के बड़े बाजार गफ्फार और कंप्यूटर मार्केट नेहरू प्लेस तक चीन के उत्पादों की पहुंच कम हो गई है। वहीं, मेक इन इंडिया उत्पादों की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। यह बढ़त 50 फीसद है।
चीन से सामान कम मात्रा में आ रहा है
गफ्फार मार्केट मोबाइल फोन उपकरणों का बड़ा बाजार है। इसमें 90 फीसद से अधिक बिकने वाले उत्पाद चीन से आयातित होते थे, लेकिन इन दिनों इस मार्केट में चीन के उत्पादों काफी कम संख्या में पहुंच रहे हैं। बालाजी मोबाइल्स स्टोर के मालिक दिनेश के मुताबिक पहले के मुकाबले मात्र 30 फीसद ही चीन के उत्पाद बाजार में आ रहे हैं। इसके पीछे देश में चीन को लेकर नाराजगी और कस्टम विभाग में सख्ती बड़ा कारण है। ऐसे में दिल्ली के बाजार में चीन से सामान कम मात्रा में आ रहा है।
चीन को लेकर नाराजगी
डोकलाम विवाद में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। वहीं, आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को शह देने से देश के लोगों में चीन को लेकर काफी नाराजगी है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने भी चीन के सामानों के बहिष्कार को लेकर जनजागरण अभियान छेड़ा हुआ है। इन सबका असर बाजार में दिख रहा है।
मेक इन इंडिया की मांग में बढ़ोत्तरी
ऑल इंडिया कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि ग्राहकों में चीन के सामानों की खरीद में काफी सतर्कता देखी जा रही है। वह मेक इन चाइना का लोगो देखने पर कंप्यूटर सामानों को खरीदने से परहेज कर रहे हैं। जबकि मेक इन इंडिया की मांग में काफी बढ़ोत्तरी आई है। हालात यह कि कुछ दुकानदार मेक इन इंडिया का लोगो लगाकर सामान बेच रहे हैं। ताकि चीन के माल को हटाया जा सके।
भारत के उत्पाद थोड़े महंगे
वैसे, चीन बनाम भारत उत्पादों के विवाद में मोबाइल फोन के साथ ही कंप्यूटर एसेसरीज के दामों में बढ़ोत्तरी भी देखने को मिल रही है। क्योंकि भारत के उत्पाद थोड़े महंगे हैं। 180 रुपये में मिलने वाला मोबाइल फोन मेमोरी कार्ड फिलहाल 320 रुपये तक में मिल रहा है। इसी तरह मोबाइल चार्जर के दाम में भी प्रति नग 50 रुपये की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। महेंद्र अग्रवाल के मुताबिक उपकरणों के दाम बढऩे में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भी आंशिक असर है। उपकरणों पर 28 फीसद जीएसटी लगा है।