उत्तराखण्ड के मुखिया अपने निर्णय लेने की क्षमता खो चुके : रविंद्र सिंह आनंद

राज्यपाल को चाहिए कि मुख्यमंत्री की नाकामी को देखते हुए लगाया जाए राष्ट्रपति शासनः आम आदमी पार्टी

इंडिया वार्ता/ देहरादून। यह कहावत उत्तराखण्ड सरकार के सीएम त्रिवेन्द्र पर सटीक बैठती है ढाक के तीन पात मतलब कोरोना काल में एक तरफ तो देश में लोगों को रोजगार चला गया दूसरा आम से खास सबकी कमर कोरोना ने तोड़ दी ओर इस से भी इतर सरकार की कार्यशैली प्रदेश के धन के खिलाफ अराजक बनी हुई है प्रदेश सरकार धन की जमकर बंदरबाट कर रही है त्रिवेन्द्र सरकार पूर्व सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए भी ढैंचा घोटाला के आरोंपों को भी झेल चुके है इसके बावजूद सीएम रावत अपना विवेक खो चुके है और अनापशनाम प्रदेश विरोधी फैसले ले रहे है।आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि उनसे राज्य चल ही नहीं रहा है तो इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे है। श्री आनंद ने कहा कि सरकार का माननीय उच्च न्यायालय में यह कहना कि उनके पास रोडवेज कर्मचारियों की दो माह की तंख्वाह के लिए पैसे नहीं है बहुत ही निंदनीय है। ज्ञात हो कि अभी हाल ही में सरकार की ओर से 23 गाड़ियां खरीदी गई है और आरटीओ में रजिस्टर भी करवाया गया है। यदि सरकार के पास पैसा नहीं था तो ये गाड़ियां कहां से खरीदी गई। मुख्यमंत्री जवाब दें कि क्या वे ये गाड़ियां खरीदने के बजाय कुछ गाडियां किराय पर नहीं ले सकते थे जिससे कुछ लोगों  का आमदनी का जरिया भी होता और सरकार का काम भी हो जाता। अब इतनी बड़ी खरीद के बाद मुख्यमंत्री का यह कहना कि सरकार के पास तंख्वाह देने को पैसा नहीं बात कुछ हजम नहीं हो रही है। पहले सीएम साहब दायित्वधारियों की तंख्वाह बढ़ा देते है फिर एक साथ 23 गाड़ियां खरीद लेते है इससे वे जनता को क्या बताना चाहते है। इससे साफ जाहिर होता है वे अपने निर्णय लेने की क्षमता खो चुके और उन्हें तत्काल प्रभाव से अपने पद को त्याग देना चाहिए। श्री आनंद ने कहा कि यहीं पर वे राज्यपाल महोदया से भी इन बातों का संज्ञान लेते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करें।

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