चालदा महाराज के जागड़े में छत्रराई रहे आकार्षण का केंद्र

विकासनगर/देहरादून, । चालदा महाराज के मोहना से समाल्टा प्रवास के दौरान छत्रराई आकर्षण का केंद्र बनी रही। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस छत्र के नीचे से गुजरकर जाता है तो उसे पूरी यात्रा के दौरान छत्र के साथ चलना पड़ता है। इस बार 250 छत्रराई इस छत्र के साथ चल रहे हैं, जिनका हर गांव में भव्य स्वागत किया जा रहा है। छत्रराई को देखते ही लोगों कि सिर श्रद्धा पूर्वक झुकते रहे। चालदा महाराज के जागड़े में छत्रराई हर बार आकार्षण का केंद्र होता है। जो इस छत्र के नीचे से गुजरता है, उसे की छत्र को पूरी यात्रा के दौरान ले जाना पड़ता है। जब छत्र को खोला जाता है तो कोई अन्य श्रद्धालु उसके नीचे से नहीं गुजर सकता है। यात्रा के दौरान छत्र ले जाने वाले श्रद्धालुओं की रहने और खाने की व्यवस्था आम श्रद्धालुओं से अलग की जाती है। इसके साथ ही देवता के साथ चल रहे पचास पुजारी और सौ ठाणी की व्यवस्था अलग की जाती है। चालदा महाराज के साथ चल रही छेत्रराई को आकर्षक तौर पर सजाया गया है। छत्रराई के समाल्टा मंदिर में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया।
छत्रधारी चालदा महाराज 67 साल बाद मंगलवार को देर रात समाल्टा मंदिर में विराजमान हुए। देवता के मंदिर प्रांगण में पहुंचते ही आसपास का पूरा क्षेत्र चालदा महराज के जयकारे से गूंज उठा। लोगों में देव दर्शनों के लिए होड़ मची रही। इससे पहले दोपहर डेढ़ बजे देवता ने ठाणा से समाल्टा के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान जगह-जगह ग्रामीणों ने देव डोली पर पुष्प वर्षा कर खुशहाली की मन्नतें मांगी। समाल्टा मंदिर में देव दर्शन के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। समाल्टा खत के साथ ही उपलगांव खत और पूरे जौनसार बावर समेत उत्तरकाशी, हिमाचल प्रदेश से भी लोग देव दर्शनों के लिए पहुंचे। ठाणा से प्रस्थान के दौरान देव डोली के साथ हजारों श्रद्धालु चल रहे थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव पुराने पारंपरिक मार्ग से यात्रा करते हैं। यात्रा मार्ग के बीच पड़ने वाले गांवों में हजारों की संख्या में लोग देव दर्शनों के लिए खड़े रहे। खत शैली के ग्रामीणों की ओर से रामताल गार्डन में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें देव डोली के साथ चल रहे लोगों को दोपहर का भोजन कराया गया। इसके बाद देवता ने समाल्टा के लिए प्रस्थान किया। समाल्टा मंदिर में प्रवेश से पूर्व विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद लोगों ने देवता से खुशहाली की मन्नतें मांगी। लोगों ने रात्रि जागरण कर जागड़ा मनाया। इस दौरान चालदा महाराज के वजीर दीवान सिंह, अर्जुन सिंह तोमर, कलम सिंह चौहान, रणवीर सिंह चौहान, सूरत सिंह, गोपाल तोमर, सरदार सिंह, भगत सिंह, शूरवीर तोमर, माया सिंह आदि मौजूद रहे।

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