कमर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से 300 करोड़ की ठगी
नोएडा । सेक्टर 62 में दफ्तर स्पेस और दुकान बेचने के नाम पर सैकड़ों लोगों से ढाई सौ से तीन सौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। बिल्डर द्वारा प्रोजेक्ट का काम नहीं करने व अपना दफ्तर बंद करने के बाद निवेशक ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की है।
कोतवाली सेक्टर 58 में कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित 13 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य कई धाराओं केस दर्ज हुआ है।
स्टेट बैंक आफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले टीए खान ने बताया कि प्रॉपलेरिटी इंफ्राटेक की तरफ से बिजलाइफ नाम से ए 46 सेक्टर 62 में कमर्शियल स्पेस और दुकान के लिए वर्ष 2014 में प्रोजेक्ट लांच किया गया था।
इस प्रोजेक्ट में सैकड़ों लोगों ने निवेश किया। मैंने भी वर्ष 2016 में प्रोजेक्ट में करीब 13 लाख रुपये का निवेश किया। डील के तहत 12 प्रतिशत एश्योर्ड रिटर्न देने का भी वादा किया गया था। कुछ समय तक रिटर्न मिलता रहा। फिर वह बंद हो गया।
जिसके बाद मैं सेक्टर 63 स्थित प्रोपलेरिटी इंफ्राटेक के दफ्तर पहुंचा। जहां अन्य निवेशक भी मिले। जिसके बाद जानकारी हुई कि निवेशकों की संख्या सैकड़ों में है। साथ ही करीब तीन सौ करोड़ का निवेश हुआ है।
बिल्डर से प्रोजेक्ट पूरा करने या पैसे वापस करने की मांग हुई। बिल्डर ने कोई आश्वासन नहीं दिया। इसी बीच वह अपना दफ्तर बंद कर फरार हो गया।
इसके बाद निवेशकों ने अपने स्तर पर जांच-पड़ताल की। जिसमें पता चला कि जिस प्लॉट पर प्रोजेक्ट लांच किया गया था, वह एचएसएल साफ्टवेयर कंपनी के नाम आवंटित है। इस कंपनी के मालिक शशिकांत चौरसिया व विनीता चौरसिया हैं।
कोतवाली सेक्टर 58 प्रभारी अनिल प्रताप सिंह ने बताया कि निवेशकों ने शशिकांत चौरसिया, विनीता चौरसिया, प्रॉपलेरिटी इंफ्राटेक के डायरेक्टर के डायरेक्टर सतेंद्र सिंह तोमर और मलय अग्रवाल, संजय जैन, अतुल सिंह, सौरभ कुमार पांडेय, आशीष कुमार, नागेंद्र प्रताप सिंह, संदीप कौशिक, पवन जसूजा पैसे लेकर स्पेस और दुकान न देने की शिकायत की।
इसके आधार पर धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। जांच के आधार पर कार्रवाई होगी। उधर, धोखाधड़ी के संबंध में पक्ष जानने के लिए शशिकांत चौरसिया से फोन और एसएमएस के जरिए संपर्क करने की कोशिश हुई। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
News Source: jagran.com