चौहान ने दी मंत्रियों को नसीहत
भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ता पर फिर से काबिज होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काफी सक्रिय है। 24 घंटे के भीतर ही दो बैठकें की। बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि 2013 के विधानसभा चुनाव में हमारे 10 मंत्री चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री क्षेत्र के साथ प्रभार के जिलों का भी पूरा ध्यान रखें। महीने में सात दिन जिलों में रहें. एक विधानसभा में एक दिन दें. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करें।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान इस बार तल्ख रूख अपनाए हुए हैं। पार्टी के भीतर भी इसकी काफी चर्चा है। बैठक के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री नहीं पहुंचे। इसमें गोपाल भार्गव, गौरीशंकर बिसेन, यशोधरा राजे सिंधिया, कुसुम मेहदेले, माया सिंह और संजय पाठक शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये क्यों नहीं पहुंचे, उनके बारे में पता करके मुझे बताएं। एक दिन पहले हुई सीएम हाउस में विधायकों और जिलाध्यक्षों की बैठक में भी कई विधायक नहीं थे। तब भी मुख्यमंत्री ने यही बात कही थी कि नहीं आने वाले विधायकों के नाम बताएं। गतदिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इस बार भाजपा किसी हारने वाले पर दांव नहीं लगाएगी, सभी विधायकों का सर्वे करा लिया गया है। अनावश्यक टिकट भी नहीं काटे जाएंगे, सिर्फ लोकप्रियता ही टिकट का आधार होगी।