मुरथल गैंगरेपः एसआइटी को न पीड़ित मिले न आरोपी, मामले की हो सीबीआइ जांच

चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में हुए गैंग रेप मामले में कोर्ट मित्र सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की। कोर्ट मित्र ने कहा कि सरकार का रुख अब भी नकारात्मक है। हरियाणा सरकार यह मानने को तैयार ही नहीं है कि ऐसी कोई घटना हुई भी है। इतने बड़े पैमाने पर अनट्रेस रिपोर्ट इसका उदाहरण है।

एसआइटी की रिपोर्ट के अनुसार मुरथल गैंग रेप मामले में अब तक कोई पीडि़त ही नहीं मिल पाया है। ऐसे में जाँच आगे नहीं बढ़ रही। गुप्ता के अनुसार सुखदेव ढाबे के अमरीक सिंह जिसने पूरी घटना की जानकारी दी थी, उसने एसआइटी को कुछ नहीं बताया। अगर सीबीआइ उससे पूछताछ करेगी तो सच्चाई सामने जरूर आएगी।

इससे पहले कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने केस की पूरी जानकारी जस्टिस एके मित्तल एवं जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ को दी। क्योंकि यह केस पहली बार खंडपीठ के समक्ष आया था। इससे पहले जस्टिस एसएस सारों पर आधारित खंडपीठ इस केस पर सुनवाई कर रही थी।

उधर, हिसार रेंज के आइजी अभिताभ ढिल्लों ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि अनट्रेस और अनअटेंडेड रिपोर्ट्स की जांच के लिए हाई कोर्ट के आदेशों पर गठित एसआइटी में एसपी हिसार मनीषा चौधरी, एसपी भिवानी सुरिंदर सिंह को भी शामिल किया गया है।

साथ ही एसआइटी के सहयोग के लिए एसपी सिरसा आश्विन शेनवी और एसपी हांसी प्रतीक्षा गोदारा को शामिल किया गया है। अभिताभ ढिल्लों ने बताया कि 27 सितंबर को हुई बैठक में जांच की दिशा तय की गई है। इसके तहत सभी 1105 अनट्रेस रिपोर्ट्स को इन चार एसपी में जाँच के लिए बाँट दिया गया है। चारों एसपी रिपोर्ट्स में से सबसे महत्वपूर्ण और गंभीर 25 -25 मामलों की जांच प्राथमिकता के आधार पर करेंगे।

लगभग एक घंटे चली सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 नवंबर तक स्थगित कर दी है। खंडपीठ ने कहा कि इस केस को लेकर हाई कोर्ट ने अब तक जो निर्देश दिए हैं उनका अध्ययन कर अगली सुनवाई पर ही निर्देश जारी किए जाएंगे। इस दौरान मूनक कनाल के मामले में सीबीआइ ने जांच रिपोर्ट कोर्ट में सौंपने की मांग की, जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट सीबीआइ फिलहाल अपने पास ही सीलबंद लिफाफे में रखे । अगली सुनवाई पर इस रिपोर्ट पर भी सुनवाई कि जाएगी।

1212 एफआइआर दर्ज की गई थी

गुप्ता ने कहा कि मुरथल गैंग रेप सहित पूरे हरियाणा में 1212 एफआइआर दर्ज की गई थी। इनमें से 921 केस में अनट्रेस रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। 184 मामलों में रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। केवल 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 81 मामलों में चालान पेश किया गया है। 1105 मामलों को अनअटेंडिड की श्रेणी में रखा गया। तय है की इस घटना के डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी दोषी पकड़े ही नहीं गए ।

मूनक कनाल और वित्त मंत्री के घर आगजनी मामले की जांच सीबीआइ से तो मुरथल की क्यों नहीं

गुप्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि जाट आंदोलन के दौरान हुए दंगों में मूनक कनाल के तोडफ़ोड़ की जांच हाई कोर्ट ने सीबीआइ को सौंप दी थी। इसी तरह हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर में की गई तोडफ़ोड़ और आगजनी के मामले की जांच सरकार ने खुद सीबीआइ को सौंपी है। मगर मुरथल गैंग रेप की घटना की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग का सरकार विरोध कर रही है।

मुरथल में हुए थे 9 बलात्कार

गुप्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि जाट आरक्षण आंदोलन में हुए दंगों की जांच के लिए पूर्व में गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) के सदस्य आइएएस अधिकारी विजय वर्धन से बातचीत में पता चला था कि मुरथल में 9 बलात्कार हुए हुए हैं । उन्हें यह जानकारी एसआइटी के अन्य सदस्य हरियाणा के पूर्व डीजीपी केपी सिंह से मिली थी। मगर हाई कोर्ट में विजय वर्धन ने इससे इनकार कर दिया था। ऐसे में तय है कि वह दबाव में थे।  गुप्ता ने बताया कि विजयवर्धन से बातचीत उन्होंने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका के कहने पर ही की थी।

News Source: jagran.com

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