दो डाक्‍टरों की देखरेख में शव का पोस्‍टमार्टम, बक्सर के डीएम का रेलवे ट्रैक पर मिला शव

गाजियाबाद  । स्‍थानीय पुलिस ने आइएएस अफसर मुकेश पांडेय के शव को अपने कब्‍जे में लेकर पंचनामा के लिए भेज दिया। दो डाक्‍टरों की देखरेख में शव का पोस्‍टमार्टम किया गया। इसकी वीडियोग्राफी भी की गई। परिजनों की मौजूदगी में शव विच्‍छेदन का कार्य किया जाएगा।

बता दें कि बक्सर (बिहार) के डीएम मुकेश पांडेय ने गुरुवार को गाजियाबाद में आत्महत्या कर ली। पहले वे दिल्ली के जनकपुरी स्थित एक मॉल की 10वीं मंजिल पर सुसाइड करने के लिए पहुंचे थे। आत्महत्या के पहले डीएम ने एक परिचित को अपने इस कदम की जानकारी वाट्सएप पर दी। परिचित ने इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस को दी।

पुलिस जब तक मुकेश पांडे को पकड़ पाती, वे वहां से गाजियाबाद चले गए और ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। डीएम की लाश गाजियाबाद स्टेशन से 200 मीटर आगे यार्ड में रेलवे ट्रैक पर मिली। उनकी जेब से पर्स और सुसाइड नोट बरामद हुआ। देर रात मुकेश पांडेय की पत्नी व ससुर भी मौके पर पहुंच गए।

मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं

सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। उसमें तीन मोबाइल नंबर दर्ज हैं। नीचे लिखा है कि मेरी मौत के बाद इन नंबरों पर जानकारी दी जाए। पुलिस फिलहाल उनकी मौत को खुदकशी मान रही है। घटना की पुष्टि बिहार के पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने भी की।

तीन अगस्त को संभाला था डीएम का कार्यभार

मुकेश पहली बार बक्सर के डीएम बने हैं। 2012 बैच के आइएएस अफसर मुकेश इससे पहले कटिहार के डीडीसी के पद पर कार्यरत थे। तीन अगस्त को ही उन्होंने बक्सर के डीएम का पद संभाला था। गुरुवार की सुबह मामा की तबीयत खराब होने की बात कहकर वह दिल्ली आए थे।

बताया जा रहा है कि वह दिल्ली के एक होटल में रुके थे। वहां उनकी किसी बात को लेकर पत्नी व ससुर से कहासुनी हो गई थी। डीएम व एसएसपी गाजियाबाद समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। सुसाइड नोट में दर्ज सेलफोन नंबर उनके सास-ससुर के हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने एक दिन पहले ही मंडलायुक्त से अवकाश की अनुमति ले ली थी।

 संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में था 14 वां स्थान 

मुकेश मूल रूप से बिहार के सारण (छपरा) के रहने वाले थे। 2011 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देशभर में 14 वां स्थान हासिल किया था। बिहार कैडर मिलने के बाद मुकेश पांडेय की पहली पोस्टिंग गया में प्रशिक्षु आइएएस अफसर के पद पर हुई थी। उसके बाद उन्हें बेगूसराय के बलिया अनुमंडल का एसडीओ और फिर कटिहार का डीडीसी बनाया गया था।

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