स्पेशल ट्रेन पर लगा ब्रेक, कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी, उम्रदराज को नहीं मिलेगी एंट्री

देहरादून । केंद्र द्वारा महाकुंभ-2021 की एसओपी जारी करने के बाद राज्य सरकार अब अगले तीन से चार दिन में अपनी एसओपी भी जारी कर सकती है। इसको लेकर शासन स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। हर बारह साल बाद आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार माघ पूर्णिमा पर 27 फरवरी से शुरू हो जाएगा और 27 अप्रैल तक चलेगा, लेकिन कोविड काल में इतना बड़ा आयोजन एक चुनौती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 22 जनवरी को एसओपी जारी कर पहले ही अपनी मंशा जाहिर कर चुका है। केंद्र का कहना है कि कुंभ मेला न सिर्फ धार्मिक लिहाज से बल्कि मास गैदरिंग के हिसाब से भी सबसे बड़ा मेला है. लेकिन, कोविड काल में कुंभ जैसे मास गैदरिंग वाले आयोजन कोविड-19 के संक्रमण को तेज कर सकते हैं और देश को कोविड-19 के मैनजमेंट में अभी तक मिली सफलता पर पानी फेर सकते है।इसके लिए केंद्र ने कुछ सख्त प्रावधान लागू करने को कहा है. मसलन कोई भी श्रदालु बिना रजिर्स्टेशन और बिना कोविड की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट को महाकुंभ में नहीं आ सकेगा. केंद्र की इस एडवायजरी पर राज्य सरकार अब अपनी एसओपी जारी करेगी. इसको देखते हुए शासन स्तर पर मंथन शुरू हो गया है. सचिव शहरी विकास शैलेस बगोली का कहना है कि इस संबंध में मुख्य सचिव और सीएम स्तर पर दो दौर की मीटिंग हो चुकी है. मेला अधिकारी हरिद्वार को कुंभ के घाटों की सोशल डिस्टेसिंग के साथ कैपासिटी निर्धारित करने को कहा गया है. इसके बाद राज्य सरकार तय करेगी कि हरिद्वार महाकुंभ में एक दिन में कितने श्रदालुओं को हरिद्वार में प्रवेश दिया जाए।मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि मेले में प्रतिदिन आने वाले श्रदालुओं की संख्या कम से कम की जा सकती है. उनहोंने कहा कि केंद्र की जो एसओपी उसमें कोई रिलेक्सेशन नहीं दिया जा सकता. राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के मददेनजर इसमें और सख्ती बरत सकती है. खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कह चुके हैं कि हरिद्वार को वुहान या मरकज नहीं बनने दिया जाएगा. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने गुरूवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र भी भेजे. इसमें कुंभ की गाइडलाइन का हवाला दिया गया. केंद्र की एसओपी के अनुसार कुंभ में दस साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के लोग नहीं जा सकेंगे।मुख्य सचिव ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सीएम खुद भी फरवरी फर्स्ट वीक में बातचीत करेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि दो तीन दिन में राज्य सरकार अपनी एसओपी जारी कर देगी. सरकार रेल मंत्रालय को पत्र भेजकर कुंभ के लिए स्पेशल ट्रेन नहीं चलाने को कह रही है. मुख्य स्नान के पहले दिन से लेकर मुख्य स्नान तक कोई भी ट्रेन नहीं चलाने का निर्णय लिया गया है. केवल कुंभ से यात्रियों को ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी. माना जा रहा है कि तीस जनवरी को कैबिनेट मीटिंग के बाद राज्य सरकार कुंभ पर एसओपी जारी कर सकती है. ये बात भी साफ है कि राज्य सरकार की एसओपी में और भी कड़े प्रावधान हो सकते हैं. सूत्रों की माने तो राज्य सरकार मेले का समय भी कम कर सकती है।

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