कोरोना के चलते खून की कमी से जूझ रहे ब्लड बैंक

देहरादून, । उत्तराखंड के ब्लड बैंक फिलहाल खून की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस के चलते रक्तदान-महादान जैसे नारे लोगों के जेहन से गायब हो रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग ने जीवनदान के इस पुण्य से लोगों को दूर कर दिया है। उत्तराखंड में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सरप्लस रहने वाले ब्लड बैंक खून की कमी से जूझ रहे हैं। उत्तराखंड रक्तदान को लेकर अब तक बेहद अच्छी स्थिति में रहा है। प्रदेश में औसतन हर साल करीब 80,000 यूनिट ब्लड की जरूरत रहती है, जिसके सापेक्ष प्रदेश में करीब 1 लाख यूनिट रक्तदाता दान करते थे। लेकिन मौजूदा हालात में सरप्लस रहने वाले उत्तराखंड के ब्लड बैंक खून की कमी से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते लोग खून डोनेट नहीं कर पा रहे हैं। उत्तराखंड में कुल 43 ब्लड बैंक हैं। जिसमें 25 सरकारी और 18 गैर सरकारी ब्लड बैंक मौजूद हैं। भारत सरकार के ई-रक्तकोष से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी देहरादून में कुल 11 ब्लड बैंक हैं। जिसमें सिर्फ 3 ब्लड बैंक में ही सभी तरह के खून की उपलब्धता है। हरिद्वार में 8 ब्लड बैंक हैं, जिसमें सिर्फ 4 ब्लड बैंक में ही सभी प्रकार के खून है। उधम सिंह नगर में 9 ब्लड बैंक हैं और सिर्फ 5 में ही सभी तरह के खून की उपलब्धता है। इसी तरह अल्मोड़ा में 2 सरकारी ब्लड बैंक हैं और दोनों में ही ब्लड सीमित मात्रा में मौजूद है। चमोली में एक सरकारी ब्लड बैंक है, जिसमें सीमित मात्रा में ब्लड मौजूद है। चंपावत में एक सरकारी ब्लड बैंक है, जिसमें खून मानक के अनुसार उपलब्ध नहीं है। नैनीताल में 4 ब्लड बैंक हैं और सभी में ब्लड उपलब्ध है। पौड़ी में 4 ब्लड बैंक में सिर्फ 3 में ही सभी तरह का ब्लड मौजूद है। रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में एक-एक ब्लड बैंक हैं और सभी में सीमित ब्लड उपलब्ध है। उत्तराखंड में 25 ब्लड बैंक में सीमित मात्रा में ब्लड मौजूद है, जबकि 18 ब्लड बैंक में सभी कैटेगरी के खून उपलब्ध नहीं हैं। ई-रक्तकोष से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में बीते 3 माह की अपेक्षा मार्च रक्तदान के लिए लिहाज से सबसे खराब रहा। प्रदेश में जनवरी महीने में 34 रक्तदान शिविर, फरवरी में 53 और मार्च में मात्र 27 रक्तदान शिविर का ही आयोजन किया गया। जबकि, अप्रैल महीने लॉकडाउन के चलते किसी भी तरह को कोई रक्तदान शिविर नहीं लगाया गया। लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में सड़क हादसों और अन्य दुर्घटनाओं में कमी आई है। जिसकी वजह से खून की मांग कम हुई है। हालांकि इस दौरान प्रसव और अन्य मामलों में अस्पतालों द्वारा खून की मांग की जा रही है। उत्तराखंड के ब्लड बैंक में खून की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान बढ़ाने के लिए तीन तरीकों का प्रस्ताव दिया है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग उन संगठनों और रक्तदाताओं से संपर्क करेगा, जो विभाग की सूची में मौजूद हैं। दूसरा पास के जरिए भी रक्तदाता रक्तदान करने आ सकते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति सरकार से मांगने जा रहा है।

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