देहरादून की शांत वादियों में कोहराम मचाने के लिए बिजनौर जेल में बना था लुटेरों का गैंग

प्रेमनगर में पेट्रोल पंप मालिक को लूटने वाले बदमाशों ने बिजनौर जेल में रहते हुए गैंग बनाया था। जेल में ही उन्होंने बड़ा हाथ मारने का प्लान बनाया था। तीस मई को रिहाई होने के बाद अगले दिन रोहन राठी ने देहरादून आकर एक फ्लैट किराये पर लिया था। इसके बाद राठी ने जेल में मिले साथियों को एक-एक कर यहां बुला लिया। आरोपियों ने प्रेमनगर के पेट्रोल पंप को चिह्नित करने के एक सप्ताह बाद घटना को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे के मुताबिक रोहन राठी रुड़की के एक कालेज में मास कम्युनिकेशन द्वितीय वर्ष का छात्र था। गांव में रामलीला के दौरान हुए जानलेवा हमले में रोहन को जेल जाना पड़ा था। रोहन की जेल में ही चांदपुर के मिनी बैंक और पेट्रोल पंप लूट के मामले के आरोपी विपिन कुमार, कामेन्द्र उर्फ बुल्ला और अजय उर्फ अजब सिंह से दोस्ती हुई थी।जेल में रहते हुए इन बदमाशों ने बड़ा हाथ मारने का प्लान बनाया था। कामेन्द्र समेत बाकी आरोपी पहले ही जेल से बाहर आ गए थे, जबकि रोहन की रिहाई 30 मई को हुई। रोहन अगले ही दिन एक जून को देहरादून आ गया था। रोहन ने विपिन को बुलाकर एक पूर्व सैनिक का फ्लैट सात हजार रुपये के किराए पर लिया था।इसके बाद कामेन्द्र और विपिन ने यहां आकर 17 जून को प्रेमनगर के पेट्रोल पंप को चिह्नित किया था। 23 जून को पेट्रोल पंप से लेकर आवास तक कारोबारी का पीछा किया, लेकिन अजय के न आने के कारण घटना को अंजाम नहीं दिया गया। अगले दिन 24 जून की रात को आरोपी पेट्रोल पंप से ही कारोबारी गगन भाटिया के पीछे लग गए थे और भाटिया के आवास से पहले घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।

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