इस मामले में दिल्ली के नामी स्कूल के डायरेक्टर और प्रिंसिपल को कोर्ट ने लगाया भारी जुर्माना

नई दिल्ली: दिल्ली के एक नामी प्राइवेट स्कूल के डायरेक्टर और प्रिंसिपल दोनों को ढाई-ढाई लाख रुपए अभिभावक को हर्जाना देना होगा. साथ ही छह महीने तक स्कूल के प्रिंसिपल को प्रोबेशनरी ऑफिसर के सामने हाजिरी लगानी पड़ेगी. बुधवार को दिल्ली के द्वारका कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विकास धुल ने ये फैसला सुनाया.

अक्सर अभिभावकों की ये शिकायत होती है कि प्राइवेट स्कूलों के फीस, ड्रेस और किताब खरीदने की मनमानी पर अगर वो सवाल उठाते हैं तो उसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर उतरता है. दिल्ली में द्वारका के एक नामी प्राइवेट स्कूल के इसी तरह की शिकायत को जब प्रोफेसर नंदुला रघुरामन ने पैरेंटस टीचर मीटिंग में उठाया तो स्कूल ने उनकी बच्ची को परेशान करना शुरू कर दिया.

शिकायतकर्ता के मुताबिक, उनकी बच्ची को एक दिन छह घंटे तक रिसेप्शन पर बैठाकर रखा गया. क्लास में दोस्तों से नहीं मिलने दिया गया .बच्चे को टॉफी नहीं दिया गया. यही वजह है कि स्कूल के इस तरह के हथकंडे से प्रोफेसर नंदुला की बेटी डिप्रेस भी हो गई थी और प्रोफेसर नंदुला को बीच में ही अपनी बच्ची का दाखिला दूसरे स्कूल में करवाना पड़ा..

इन शिकायतों के आधार पर प्रोफेसर नंदुला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और छह साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 37 पेज के इस फैसले में कोर्ट ने स्कूल के डायरेक्टर और प्रिंसीपल के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों को सही पाया और ये सख्त सजा सुनाई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *