बदरीनाथ को चढ़ाया 4 किलो सोने का हीरा जड़ित छत्र
बदरीनाथ, । भगवान बदरीनाथ के श्री विग्रह के ऊपर अब नया हीरा जड़ित स्वर्ण छत्र होगा। चार किलो सोने के हीरा जड़ित छत्र को लुधियाना (पंजाब) के ज्ञानसेन सूद परिवार ने अपने दादा विमुक्ति महाराज की स्मृति में चढ़ाया है। इस परिवार के तीन सौ से अधिक लोग भगवान बदरी विशाल को चढ़ाए जाने वाले इस स्वर्ण छत्र की पूजा और भगवान की अर्चना के साक्षी बने। भगवान बदरीविशाल पर गहरी आस्था रखने वाले सूद परिवार ने भगवान बदरीविशाल के श्री विग्रह के ऊपर हीरा जड़ित स्वर्ण छत्र चढ़ाने का संकल्प किया था। बुधवार को यह स्वर्ण छत्र सुबह चढ़ाया जाना था, लेकिन वर्षा के कारण शाम पांच बजे स्वर्ण छत्र को मंत्रों और वेद ध्वनियों के साथ भगवान को समर्पित किया गया। सूद परिवार के तीन सौ से अधिक लोग इस पूजन और भगवान को समर्पित स्वर्ण छत्र अभिषेक समारोह में शामिल हुए। धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारियों ने स्वस्तिवाचन तथा वेदमंत्र पढ़े।बदरीनाथ में भगवान के श्री विग्रह को चढ़ाए जाने वाला स्वर्ण छत्र मंगलवार को ही हेलीकाप्टर से बदरीनाथ पहुंचा। दानी परिवार के लोग यहां के एक होटल में रूके हैं। इसमें कई बुजुर्ग लोग एवं महिलाएं भी शामिल हैं। सात्विक और धार्मिक विचारों वाले इस परिवार ने भगवान को समर्पित इस स्वर्ण छत्र को चढ़ाते समय निराहार रह कर पूजा की। बदरीनाथ सिंह द्वार के आगे स्वर्ण छत्र को देखने के लिए भारी संख्या में लोग भी एकत्र हुए। गर्भगृह में केवल रावल और बडवा महाराज ही जा सकते हैं। सभा मंडप में भक्तों के बैठने के लिए जगह है, इसीलिए सूद परिवार सभा मंडप तक आया। दावा है कि 600 साल बाद बदरीनाथ भगवान का छत्र बदला गया है। बदरीनाथ धाम से संबंधित साक्ष्यों के अनुसार 600 साल पूर्व ग्वालियर की महारानी ने स्वर्ण छत्र चढ़ाया था। अभी तक यही स्वर्ण छत्र भगवान के श्रीविग्रह के ऊपर रहता था। अब नए छत्र को चढ़ा दिया गया है।