जीएसटी की मार से केरल का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित, राजस्थान-गोवा और ओडिशा पर भी असर

नई दिल्ली: केरल के तेजी से बढ़ते पर्यटन उद्योग को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) शासन लागू होने से जबरदस्त झटका लगा है, क्योंकि इससे करों की दरें 33 फीसदी तक बढ़ गई है और पांच सितारा रिजार्ट्स सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. उद्योग के हितधारकों ने यह राय व्यक्त की है. जीएसटी परिषद द्वारा तय की गई दरों के मुताबिक गैर-एसी रेस्तरां में भोजन पर 12 फीसदी जीएसटी लागू होगा, वहीं जिनके पास शराब परोसने का लाइसेंस है, वहां यह दर 18 फीसदी है, जबकि पांच सितारा होटलों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया गया है.  आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि केरल में साल 2016 में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 10,38,419 थी, जबकि इसके पिछले साल यह संख्या 9,77,479 थी. वहीं, घरेलू पर्यटकों की संख्या में साल 2016 में पिछले साल की तुलना में 5.67 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और यह 1,31,72,535 रही. 2016 में पर्यटन क्षेत्र को विदेशी मुद्रा में आय 7,750 करोड़ रुपये थी.

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पर्यटन क्षेत्र के प्रमुख हितधारक जोश डोमिनिक सीजीएच अर्थ के प्रमुख हैं. इस कंपनी की केरल और उसके बाहर करीब एक दर्जन पांच सितारा प्रीमियम संपत्तियां हैं. डोमिनिक का कहना है कि जीएसटी ‘एक हत्यारा’ है.  उन्होंने बताया, “पर्यटन क्षेत्र में करें 33 फीसदी तक पहुंच चुकी है और इसका भुगतान पर्यटक को ही करना होता है. अगर आप दक्षिणपूर्व एशिया के अन्य देशों को देखें तो वहां इसकी दर 7 से 12 फीसदी है, जबकि श्रीलंका में 16 फीसदी है.”

उन्होंने कहा कि केरल के साथ राजस्थान, गोवा और ओडिशा जीएसटी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वहां सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं. पेशे से चाटर्ड एकाउंटेंट डोमिनिक कहते हैं, “केरल में हर चार नई नौकरी में से एक पर्यटन क्षेत्र में होती है. लेकिन जीएसटी से सब गड़बड़ हो गया. यह नहीं भूलना चाहिए कि विदेशी पर्यटकों की आमद के कारण ही केरल पर्यटन नक्शे पर उभरा है. अब जबकि हवाई किराया पहले से ही महंगा है, ऐसे में जीएसटी केरल के पर्यटन उद्योग के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित हो रही है.”

News Source: khabar.ndtv.com

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