मुंह पर पट्टी बांधकर आया हूं, विधानसभा से बाहर निकलवा देंगे क्या: कपिल मिश्रा

नई दिल्ली । विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक कपिल मिश्रा को मार्शल के जरिये सदन से बाहर निकाल दिया गया। गत दो दिनों से सदन की कार्यवाही के दौरान जब भी वह अपनी बात रखने के लिए उठते थे, ‘आप’ विधायक द्वारा आपत्ति जताने के बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल तुरंत उन्हें सदन से बाहर निकालने का आदेश मार्शल को दे देते थे।

विधानसभा से बाहर निकलवा देंगे क्या

बुधवार को विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश का विरोध करते हुए कपिल मिश्रा बुधवार को मुह पर पट्टी बाध कर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि आज मुंह पर पट्टी बांध कर आया हूं। आज भी विधानसभा से बाहर निकलवा देंगे क्या?

जवाब दो, हिसाब दो, सदन में चर्चा हो

वहीं, दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो तीन मिनट में ही विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मार्शल को बुलाकर उन्हें बाहर निकाल दिया। मुंह पर पट्टी बांध कपिल मिश्रा हाथ में एक बैनर लटकाए थे जिस पर लिखा था कि ‘राज्यसभा की सीटों की सौदेबाजी का जवाब दो, हिसाब दो, सदन में चर्चा हो।’

कपिल मिश्रा की मांग 

पूर्व मंत्री व ‘आप’ विधायक कपिल मिश्रा ने विधानसभा सदन में ‘आप’ द्वारा राज्यसभा में भेजे गए सुशील गुप्ता पर चर्चा कराए जाने की मांग रखी थी। उन्होंने इस बारे में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिख कहा था कि सुशील गुप्ता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, इसलिए इस मामले पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।

बेघरों की मौत का उठा मुद्दा 

विधानसभा सत्र के तीसरे दिन बेघरों की मौत का मुद्दा भी उठा। नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने गत दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए एक ट्वीट का जिक्र किया। इसमें मुख्यमंत्री ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर डूसिब (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से 44 बेघरों की मौत के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नेता विपक्ष ने इस नोटिस पर आगे क्या कार्रवाई हुई, बेघरों के लिए सरकार क्या कर रही है, यह जानकारी मांगी।

मंत्री ने दिया जवाब 

विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर जब दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन जवाब देने के लिए उठे तो मांगी गई जानकारी से इतर उन्होंने कई बातें बताईं, लेकिन जो जानकारी मांगी गई, वह उन्होंने नहीं दी। जैन ने कहा कि सरकार द्वारा रैन बसेरा में 30 हजार बेघरों के लिए इंतजाम किए गए हैं। हालांकि अभी तक अधिकतम 23 हजार बेघर ही रैन बसेरा में आश्रय के लिए आए हैं, जबकि डूसिब के अधिकारियों के अनुसार स्थायी और अस्थायी रैन बसेरों को मिलाकर कुल 263 रैन बसेरों में अधिकतम 21 हजार बेघर लोग रह सकते हैं। अभी तक अधिकतम 13 हजार के करीब बेघर ही रात बिताने आए हैं।

विपक्ष ने किया वाकआउट

विपक्ष ने मंत्री सत्येंद्र जैन पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और सदन से वाकआउट कर गए। इसके बाद विधानसभा परिसर में बापू की प्रतिमा के नीचे बैठकर आपत्ति जताई। भाजपा विधायकों के सदन से बाहर जाने पर मंत्री ने यहां तक कहा कि भाजपा नेता बेघरों को एक हाथ से कंबल देते हैं तो दूसरे हाथ से कंबल वापस भी ले लेते हैं। इसी लोभ में बेघर रैन बसेरों में नहीं जाते हैं और उनकी जान चली जाती है।

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