सेना ने नहीं उतरने दिया सीएम का हेलीकॉप्‍टर, हेलीपैड पर रखे दो ड्रम

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हेलीकॉप्टर के टेकऑफ और लैंडिग को लेकर उत्तराखंड सरकार और सेना आमने-सामने आ गई हैं। सेना पर मुख्यमंत्री की फ्लीट रोकने और हेलीकॉप्टर लैडिंग को बाधित करने का आरोप है। सरकार ने इसे मुख्यमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ और गंभीर चूक करार दिया है। वहीं सेना का कहना है कि हेलीकॉप्टर लैडिंग के लिए स्थान सुरक्षित न होने कारण वहां ड्रम रखे गए। दूसरी ओर पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार अब इस मामले को रक्षा मंत्रालय के सामने उठाने की तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रविवार को उत्तरकाशी के अग्निकांड से प्रभावित सावणी गांव के दौरे पर जाने के लिए कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास से रवाना हुए। मुख्यमंत्री की फ्लीट करीब साढ़े 12 बजे गढ़ीकैंट स्थित सेना के जीटीसी हेलीपैड पहुंची। आरोप है कि हेलीपैड के निकट एक प्राइवेट कार एचआर 26 बीएफ 8010 ने रास्ता बाधित कर रखा था। पुलिस ने कार चालक को रास्ते से कार हटाने को कहा तो विवाद हो गया। यह कार सेना के किसी अधिकारी की बताई गई।

काफी देर तक सैन्य अधिकारी और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद केवल मुख्यमंत्री की कार को ही हेलीपैड तक जाने की अनुमति दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री उत्तरकाशी के लिए रवाना हो गए। शाम को लगभग 3:30 बजे सीएम का हेलीकॉप्टर वापस आया तो सेना ने पुलिस को फिर हेलीपैड तक जाने से रोक दिया। आरोप है इसी दौरान सेना ने हेलीपैड पर लैंडिग के लिए बने एच प्वाइंट पर दो ड्रम रख दिए। इससे हेलीकॉप्टर की लैडिंग निर्धारित जगह पर नहीं हो पाई।

पायलट ने सावधानीपूर्वक हेलीकॉप्टर को जीटीसी हेलीपैड के दूसरे हिस्से में उतारा। यहां से मुख्यमंत्री मुख्य मार्ग के बाहर खड़ी फ्लीट तक पैदल ही पहुंचे। मुख्यमंत्री सुरक्षा टीम ने इसे मुख्यमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ और गंभीर चूक माना। मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी संजय विश्नोई ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी है। इस मामले में एसडीएम मीनाक्षी पटवाल और सीओ सिटी चंद्रमोहन सिंह ने भी सुरक्षा और प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट डीएम को भेजी है। मामले में गढ़ी कैंट इंस्पेक्टर शंकर सिंह बिष्ट ने पूरी घटना को सामान्य दैनिक विवरण मे दर्ज कर लिया है।

इस पूरे प्रकरण में सेना ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुरक्षा के मद्देनजर हेलीपैड लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं था। इसलिए यह कदम उठाया गया।

मामला ऐसा बिल्कुल नहीं है जैसा बताया गया:  मेजर जनरल जेएस यादव

मेजर जनरल जेएस यादव (जीओसी उत्तराखंड सब एरिया) का कहना है कि यह मामला ऐसा बिल्कुल नहीं है जैसा बताया गया है। पुलिस महानिदेशक व मुख्य सचिव इस पूरे मामले से अच्छी तरह से वाफिफ हैं। आप उनसे बात कीजिए, वह बेहतर बता पाएंगे। जिन परिस्थिति में और जहां सीएम का हेलीकाप्टर लैंड होना था वह सेफ नहीं था। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा।

संबंधित अधिकारियों को घटना का पूर्ण विवरण दे दिया गया है: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि संबंधित अधिकारियों को घटना का पूर्ण विवरण दे दिया गया है। प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिए गए हैं कि तालमेल में कमी कहां रही, इसकी जानकारी जुटाएं।

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