उत्तराखंड में बनेंगे भूकंपरोधी अस्पताल और विद्यालय
देहरादून : आपदा प्रबंधन विभाग प्रदेश में जल्द ही भूकंपरोधी अस्पताल व स्कूल बनाने का कार्य शुरू करेगा। पहले चरण में कमजोर हो चुके अस्पतालों के भवनों की मरम्मत भूकंपरोधी तकनीक से की जाएगी। दूसरे चरण में स्कूलों को लिया जाएगा। विभाग यह भी उम्मीद कर रहा है कि इस वर्ष तक प्रदेश में स्वीकृत तीन में से दो डॉप्लर राडार लग जाएंगे। विभाग कुमाऊं में 100 सिस्मोग्राफ भी लगाने की तैयारी कर रहा है। अभी तक गढ़वाल में 84 सिस्मोग्राफ लगाए जा चुके हैं।
सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी व अपर सचिव सविन बंसल ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग प्रदेश में आपदा प्रबंधन के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। इस कड़ी में अस्पताल, स्कूल, कलेक्ट्रेट व तहसील के पुराने व कमजोर भवनों को भूकंपरोधी तकनीक से दुरुस्त किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा हर जिले में ज्योग्राफिक इन्फारमेशन सिस्टम (जीआइएस) लैब बनाई जाएंगी। इसके लिए खुले व अन्य अहम स्थानों का चिह्नीकरण कर एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा ताकि आपदा के समय इसके जरिये बचाव कार्य तेजी से चलाए जा सकें।
उन्होंने बताया कि आइआइटी रुड़की के सहयोग से प्रदेश में सिस्मोग्राफ्स लगाए जा रहे हैं ताकि इसके जरिये भूकंप से पूर्व जानकारी मिल सके। प्रदेश में तीन डॉप्लर राडार लगाए जाने प्रस्तावित हैं। इसके लिए मसूरी, पिथौरागढ़ व नैनीताल के मुक्तेश्वर में जमीन देखी गई है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्ष अंत तक प्रदेश में दो डॉप्लर राडार लग जाएंगे। विभाग की मंशा प्रदेश के सभी जिलों में सेटेलाइट फोन पहुंचाने की भी है। अभी तक 36 सेटेलाइट फोन खरीद लिए गए हैं और 36 नए सेटेलाइन फोन खरीदने की तैयारी चल रही है।
इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग ने वर्ष 2010 से खोज एवं बचाव कार्यों में प्रशिक्षित टीम को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न भी प्रदान किया। अपर सचिव ने इस टीम को नकद राशि से भी सम्मानित किया।
सचिवालय में दिया प्रस्तुतीकरण
आपदा प्रबंधन विभाग की बचाव एव राहत टीम ने सचिवालय में राहत बचाव कार्यों का प्रस्तुतीकरण भी दिया। यह बताया गया कि किस प्रकार आपदा के दौरान खाई में अथवा भवनों से घायल लोगों को उतारा अथवा चढ़ाया जा सकता है। इस टीम में राजू शाही, मस्तान भंडारी, अनिल सकलानी, विजेंद्र कपरवाण, सीमा परमार व लक्ष्मी कंडियाल शामिल थीं।