बिग बी का ‘B-8’ से कैसा है नाता, जानिए इसके गहरे राज
नई दिल्ली । ‘सोपान’ के लिए आप कह सकते हैं कि यह ‘प्रतीक्षा’ या ‘जलसा’ की तरह फेमस नहीं है। हालांकि, हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के लिए इस घर का अलग मतलब था, क्योंकि ये उनका या कहें कि बच्चन कुनबे का पहला अपना घर था। इसे दोनों ने बड़ी ही मेहनत और हसरत से बनवाया था राजधानी के गुलमोहर पार्क में।
दिल्ली के जाने-माने इतिहासकार विनोद शुक्ल का कहना है ये 1970 के आसपास की बातें हैं। उस समय अमिताभ बच्चन फिल्मों में स्थापित होने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
बच्चन दंपती ने सोपान को बनवाने के बाद यहां पर रहना शुरू कर दिया था। तब अभिताभ बच्चन भी इधर आते-जाते रहते थे। दिल्ली में होते तो इसी घर में माता-पिता के साथ वक्त गुजारते।
सोपान में कविता पाठ
सोपान में नियमित रूप से कविता पाठ और सामयिक सवालों पर गोष्ठियों के आयोजन होते रहते थे। बच्चन जी अन्य साहित्यकारों की गोष्ठियों में भाग भी लेते थे। बच्चन जी और तेजी जी गजब के मेजबान थे।
वे सोपान में आने वालों के लिए बढ़िया नाश्ते या भोजन की व्यवस्था करते। सोपान में होने वाली गोष्ठियों में बच्चन जी भी अपनी रचनाएं पढ़ते थे। उनसे जो रचनाएं पढ़ने का आग्रह होता था, उसे वे तुरंत पूरा करते थे।
जीवन की आपा-धापी में
सोपान में डॉ. धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, कन्हैया लाल नंदन, अक्षय कुमार जैन, विजेंद्र स्नातक जैसे नामवर साहित्यकार-पत्रकार नियमित रूप से बैठकी करते थे।
सच तो यह है कि सोपान एक दौर में राजधानी में हिंदी प्रेमियों का तीर्थस्थल बन गया था। इसमें लगातार महफिलें चलती थीं। ड्राइंग रूम में बैठकों के दौर चलते थे।
अब कैसा सोपान
अब कैसा है सोपान? सोपान बढ़िया स्थिति में है पर यहां पर रहता कोई नहीं है। जाहिर है, अब गुजरा दौर तो सोपान में नहीं लौटेगा। अब उधर कविता पाठ भी नहीं होता। अच्छी बात यह भी है कि बच्चन परिवार ने सोपान को अपने स्वामित्व में ही रखा हुआ है।
करीब 200 वर्ग गज में बने सोपान का बाजार मूल्य 25 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा। इधर एक फ्लोर का किराया भी एक लाख रुपये महीने से कम नहीं होता।
हां, अब बी-8 गुलमोहर पार्क को यहां के लोग अमिताभ बच्चन के घर के रूप में जानते हैं। हरिवंश जी और तेजी जी की पीढ़ी तो अब लगातार घट ही रही है। पहले बी-8 बच्चन-तेजी के घर के रूप में जाना जाता था।
News Source: jagran.com