ATM से 1 बार पैसे निकालने के बाद अगली निकासी के लिए करना पड़ सकता है 6-12 घंटे का इंतजार!

दिल्ली में एटीएम से कैश निकालने और एटीएम फ्रॉड के कई मामले सामने आते रहते हैं, जिसमें एटीएम चोरी या क्लोन कर लोगों के खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। साल 2018-19 के दौरान दिल्ली में 179 एटीएम फ्रॉड केस दर्ज किए गए। एटीएम फ्रॉड के मामले में महाराष्ट्र 233 के बाद दिल्ली का ही नंबर आता है। पिछले कुछ समय से एटीएम क्लोनिंग के मामले भी सामने आए हैं। साल 2018-19 में देशभर में फ्रॉड के मामले पिछले साल 911 के मुकाबले बढ़कर 980 हो गए। इन सारे तथ्यों के मद्देनजर दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (एसएलबीसी) ने कुछ उपाय सुझाए हैं।सुझाए गए उपायों को अमल में लाया जाता है तो 1 बार पैसा निकालने के बाद दूसरी निकासी के लिए छह से बारह घंटे का इंतजार करना होगा। दिल्ली एसएलबीसी के संयोजक और ओरियंटल बैंक ऑफ  कॉमर्स के एमडी और सीईओ मुकेश कुमार जैन ने कहा कि एटीएम से होने वाली अधिकतर धोखाधड़ी रात के समय यानी आधी रात से लेकर तड़के सुबह तक होती है। ऐसे में एटीएम से लेनदेन पर एक खाका खींचना मददगार साबित हो सकता है। इस योजना पर पिछले हफ्ते 18 बैंको के प्रतिनिधिों की बैठक में चर्चा हुई। जैन ने बताया कि बैकर्स ने कई दूसरे सुझाव दिए हैं जिनमें अनधिकृत रूप से पैसे निकालने की कोशिश करने पर अकांउट होल्डर्स को अलर्ट करने के लिए ओटीपी भेजी जाए। यह सिस्टम क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा होने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के ही समान होगा। इसके अलावा बैंकर्स ने एटीएम के लिए सेंट्रलाइजस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम की भी बात कही जो ओबीसी, एसबीआई, पीएनबी, आईडीबीआई बैंक और केनरा बैंक में पहले से ही लागू किया जा चुका है।  अभी ओबीसी के 2600 एटीएम में से 300 एटीएम सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा कवर्ड है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एमडी का मानना है कि अगर एक बार ये परियोजना लागू हो जाती है तो ओबीसी को लगभग 50 करोड़ रूपये की वार्षिक बचत होने की उम्मीद है क्योंकि इस सिस्टम को लगाने के बाद गार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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