केजरीवाल की पार्टी की राज्यसभा में दस्तक, मोदी सरकार के खिलाफ गोलबंदी होगी तेज

नई दिल्ली । दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल के लिए सोमवार का दिन एतिहासिक था, जब AAP के तीनों उम्मीदवार संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता सोमवार को दिल्ली से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए। चुनाव अधिकारी ने तीनों उम्मीदवारों को निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र’ सौंपा। इसी के साथ संसद में पार्टी के सांसदों ताकत बढ़कर अब 7 हो गई है। बता दें कि लोकसभा में AAP के 4 सांसद हैं।

राजनीति से जुड़े जानकारों की मानें तो दिल्ली के मुद्दों को लेकर केंद्र बनाम केजरीवाल की लड़ाई अब उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी देखने को मिल सकती है।

इसकी बानगी भी सोमवार को देखने को मिली जब राज्यसभा के लिए चुने गए पार्टी के तीनों सांसदों ने एक सुर में साफ-साफ कहा कि केंद्र द्वारा दिल्ली के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार को अब वे जोर-शोर से राज्यसभा में उठाएंगे।

भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ सुर मिला सकते हैं AAP सांसद

बता दें कि पिछले दिनों राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने दिल्ली सरकार को ज्यादा अधिकार दिए जाने की वकालत की थी। इतना ही नहीं, नरेश अग्रवाल ने तो यहां तक कहा था कि एलजी अनिल बैजल दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ चपरासी जैसा बर्ताव करते हैं।

सपा सांसद नरेश अग्रवाल के समर्थन में सीपीआई और तृणमूल जैसे कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी केजरीवाल का पक्ष लेते हुए कहा था कि अधिकारों की यह लड़ाई जल्द सुलझनी चाहिए। जाहिर है ऐसे कई मुद्दे पर जिस पर AAP सांसद भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ सुर में सुर मिलाते नजर आ सकते हैं।

इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के तीनों उम्मीदवार संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता सोमवार को दिल्ली से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए। चुनाव अधिकारी निधि श्रीवास्तव ने उन्हें राज्यसभा में चयन से संबंधित प्रमाण-पत्र सौंपा। राज्यसभा के लिए चयन के बाददीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में तीनों सदस्यों ने अपनी बात रखी।

संजय सिंह ने कहा कि अब देश के सर्वोच्च सदन में दिल्ली के अधिकारों की बात उठाएंगे। किसानों की बात राज्यसभा में उठाएंगे।

गौरतलब है कि संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता के नामों की घोषणा तीन जनवरी को पार्टी की ओर से की गई थी। उसी दिन आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) ने उनके नामों पर मुहर लगाई थी। इससे पहले पीएसी ने 18 नामों पर चर्चा की थी। तीनों नामों के एलान के साथ कुमार विश्वास और आशुतोष का राज्यसभा जाने का रास्ता खत्म हो गया था।

विश्वास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक, टिकट वितरण में गड़बड़ी समेत कई सारे मुद्दों पर सच बोलने के लिए मुङो दंडित किया गया है। मैं इस दंड का स्वागत करता हूं। तीनों उम्मीदवारों के चुनाव के लिए 16 जनवरी का दिन निर्धारित किया गया था, लेकिन उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं होने से सोमवार को वे राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए।

आयोग ने रद की कांग्रेस की याचिका

चुनाव आयोग ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की वह अर्जी खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने एनडी गुप्ता का नामांकन रद करने की मांग की थी। आयोग के फैसले के बाद एनडी गुप्ता ने कहा कि मेरे लिए माकन ने अपशब्द कहे, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था।

वहीं, आप नेता संजय सिंह ने कहा कि अजय माकन ने बेबुनियाद शिकायत की थी। निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शनिवार को माकन ने दावा किया था कि एनडी गुप्ता फिलहाल राष्ट्रीय पेंशन ट्रस्ट की ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष हैं, जो लाभ का पद है। सोमवार को आयोग की ओर से कहा गया कि जांच में पाया गया कि एनडी गुप्ता लाभ के पद पर नहीं हैं।

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