विश्वास की काट के लिए ‘आप’ के पास नहीं है हथियार, नेताओं में खलबली
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को रामलीला मैदान से ऐसी संजीवनी मिल गई है कि उनके खिलाफ आग उगलने वाले ‘आप’ के साथी नेताओं की बोलती बंद है। रामलीला मैदान के बाद से दिल्ली और दूसरे राज्यों के तमाम लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उधर कुमार विश्वास का कहना है कि उनका यह कारवां रुकने वाला नहीं है। वह इसे आगे बढ़ाएंगे।
अमानतुल्ला खान को आगे बढ़ाया जा रहा है
विश्वास समर्थक ‘आप’ के एक नेता कहते है कि कुमार को नीचा दिखाने के लिए अमानतुल्ला खान को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्हें परेशान करने के कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। मगर ‘आप’ नेताओं के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसे हथियार बनाकर विश्वास के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके।
‘आप’ के अन्य नेताओं में खलबली
रविवार को विश्वास के कार्यकर्ता संवाद में जिस तरह से कार्यकर्ताओं में जोश देखा गया है उससे ‘आप’ के अन्य नेताओं में खलबली है। वैसे उनमें खलबली तो रामलीला मैदान में 26 नवंबर को हुए सम्मेलन में विश्वास के भाषण के बाद से ही है।
कुमार से किस तरह से निपटें
बेचैनी के बाद से पार्टी के रणनीतिकारों को समझ नहीं आ रहा है कि कुमार से किस तरह से निपटें। यहां मुद्दा यह भी है कि रविवार को भी उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जिसे पार्टी की नीतियों के खिलाफ समझा जाए। उन्होंने पार्टी को जोड़ने की ही बात की।