दिल्ली उपचुनाव: बदले दिलों ने बढ़ाई AAP-BJP और कांग्रेस प्रत्याशियों की धड़कन
नई दिल्ली । बुधवार (23 अगस्त) को बवाना विधानसभा उप चुनाव के लिए मतदान के दौरान भी भाजपा की गुटबाजी साफ नजर आई। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी चेहरा बनाकर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की, लेकिन आपसी गुटबाजी इस राह में बाधा बन गई।
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस में मुख्य मुकाबला है, लेकिन रोहिणी जैसे क्षेत्र में आप की सेंधमारी ने भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है। वहीं, कांग्रेस भी हर जगह उपस्थिति दर्ज कराती दिखी। ऐसे में उसका मत फीसद बढ़ने की पूरी संभावना है, जो आप के लिए भी चिंता का विषय है।
पुनर्वास एवं अनाधिकृत कॉलोनियों में मतदाताओं का रुझान भाजपा की तुलना में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की तरफ अधिक था। पुनर्वास कॉलोनियों में बसपा समर्थक मतदाताओं का रुझान कांग्रेस और आप की तरफ दिखा, लेकिन आप यहां कुछ बेहतर नजर आई।
गांवों के मतदान केंद्रों पर तीनों ही प्रमुख उम्मीदवारों में टक्कर दिखी। किसी गांव में आप की तरफ रुझान था तो कहीं भाजपा और कांग्रेस की ओर, लेकिन कई गांवों में भाजपा के प्रति नाराजगी भी साफ नजर आ रही थी।
अपने तर्क से तय मान रहे हैं जीत
चिंताओं के बीच भाजपा के रणनीतिकार अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं। उनका तर्क है कि नगर निगम और पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को 50 से 55 हजार के बीच वोट मिले थे। इसलिए इस बार भी उतने वोट मिलेंगे।
भाजपाई यह मानकर चल रहे हैं कि कांग्रेस के सुरेंद्र कुमार को पिछले विधानसभा चुनाव में करीब 15 हजार वोट मिले थे। इस बार अगर वह 30 हजार से ज्यादा वोट ले जाते हैं तो भाजपा की जीत तय है, मगर उनके चेहरे पर चिंता बसपा के मतदाताओं को लेकर भी है।
बसपा के वोट एक तरफ हुए तो बदल जाएंगे हालात
चुनावी गणित के बीच नेताओं के चेहरे पर चिंता बसपा के वोटर को लेकर भी है। भाजपा रणनीतिकारों की चिंता यह है कि बसपा का वोट यदि आप या कांग्रेस में किसी एक के साथ पूरी तरह चला गया तो स्थिति मुश्किल हो सकती है।
आप नेताओं का दावा है कि बसपा मतदाताओं का झुकाव उनकी तरफ रहा है, जिसकी वजह से कई क्षेत्रों में उनकी पार्टी मजबूत नजर आ रही है। जिन क्षेत्रों में कांग्रेस ने आप को नुकसान पहुंचाया, वहां बसपा के मतदाताओं ने उसकी भरपाई कर दी। साथ ही भाजपा से आप में गए पूर्व विधायक गुग्गन सिंह एवं पूर्व पार्षद नारायण सिंह का भी उनकी पार्टी को लाभ मिलता दिख रहा है।
कांग्रेस का दावा, अपनी जीत तो तय है
इन सबके बीच, कांग्रेस के रणनीतिकार भी अपनी जीत तय मान रहे हैं। उनका तर्क है कि लोगों में भाजपा व आप के प्रति नाराजगी है और दोनों के उम्मीदवारों की तरह कांग्रेस के उम्मीदवार पर दल-बदल का कोई आरोप नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी के प्रति सहानुभूति लहर होने का भी दावा कर रहे हैं।
स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में होगी वोटों की गिनती
बवाना उप चुनाव के वोटों की गिनती 28 अगस्त को होगी। इसके लिए अलीपुर स्थित स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के पुराने भवन में मतगणना केंद्र बनाया गया है। मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी। सभी ईवीएम को स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। कॉलेज के बाहर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं।