95 फीसदी भारतीयों को है यह बीमारी, तुंरत मिले डॉक्टर से

नई दिल्ली: भारत में दांतों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. हाल ही में किए गए एक अध्ययन से संकेत मिलता है कि लगभग 95 प्रतिशत भारतीयों में मसूड़ों की बीमारी है, 50 प्रतिशत लोग टूथब्रश का उपयोग नहीं करते और 15 वर्ष से कम उम्र के 70 प्रतिशत बच्चों के दांत खराब हो चुके हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, भारतीय लोग नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाने की बजाय, कुछ खाद्य और पेय पदार्थो का परहेज करके स्वयं-उपचार को प्राथमिकता देते हैं. दांतों की सेंस्टिविटी एक और बड़ी समस्या है, क्योंकि इस समस्या वाले मुश्किल से चार प्रतिशत लोग ही दंत चिकित्सक के पास परामर्श के लिए जाते हैं.

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, ‘तनाव का दांतों की सेहत पर बुरा असर होता है. तनाव के चलते कई लोग मदिरापान और धूम्रपान शुरू कर देते हैं, जिसका आगे चलकर दांतों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. ज्ञान की कमी के कारण ग्रामीण इलाकों में दांतों की समस्या अधिक मिलती है. शहरों में जंक फूड और जीवनशैली की अन्य कुछ गलत आदतों के कारण दांतों में समस्याएं पैदा हो जाती हैं. प्रसंस्कृत भोजन में चीनी अधिक होने से भी नई पीढ़ी में विशेष रूप से दांत प्रभावित हो रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘दांतों में थोड़ी सी भी परेशानी को अनदेखी नहीं करनी चाहिए और जितनी जल्दी हो सके, दंत चिकित्सक से मिलना चाहिए. दांत दर्द, मसूड़ों से रक्तस्राव और दांतों में सेंस्टिविटी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. वयस्कों के अलावा, दांतों की समस्याएं बच्चों में भी आम होती है. दूध की बोतल का प्रयोग करने वाले शिशुओं के आगे के चार दूध के दांत अक्सर खराब हो जाते हैं.’

डॉ. अग्रवाल ने बताया, “दूध की बोतल से बच्चों के दांत खराब हो सकते हैं. माताओं को हर फीड के बाद एक साफ कपड़े से शिशुओं के मसूड़े और दांत पोंछने चाहिए. अगर अनदेखा छोड़ दिया जाए तो दंत संक्रमण से हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं.’

दांतों की कैसे करें देखभाल 
1-दिन में दो बार ब्रश करें.
2- फ्लॉसिंग उन दरारों को साफ करने में मदद करता है जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता है.
3- बहुत अधिक चीनी खाने से बचें. स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ भी दांतों के क्षय का कारण बन सकते हैं, क्योंकि चीनी लार में जीवाणुओं के साथ प्रतिक्रिया करके एसिड बनाती है जो दांतों के इनेमल को नष्ट कर देता है.
4- जीभ को भी नियमित रूप से साफ करें.
5- किसी भी असामान्य संकेत की उपेक्षा न करें. यदि मसूड़ों में सूजन हो या खून आ जाए तो दंत चिकित्सक से परामर्श करें.
6- दांतों की जांच हर छह महीने में कराएं. दांतों की सफाई और एक वर्ष में दो बार जांच-पड़ताल आवश्यक है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *