उत्तराखंड में 79 प्रधानाध्यापकों को जल्द मिलेगी पदोन्नति
देहरादून : राज्य के 79 प्रधानाध्यापकों को प्रधानाचार्य पदों पर तदर्थ पदोन्नति मिलेगी। वहीं चालू सत्र में तबादलों से वंचित गंभीर बीमारी से पीड़ित प्रधानाचार्यों-प्रधानाध्यापकों को मायूस नहीं होना पड़ेगा। अगले माह सितंबर के पहले पखवाड़े में तबादला सूची जारी करने पर शासन ने सहमति जता दी है। उधर, शासन स्तर पर मांगें मानने के बाद राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन उत्तराखंड ने 26 अगस्त को प्रस्तावित एक दिनी धरना स्थगित कर दिया है।
सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट, अपर सचिव एवं शिक्षा महानिदेशक आलोक शेखर तिवारी एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के साथ राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन उत्तराखंड की बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी।
यह तय हुआ कि 79 प्रधानाध्यापकों के प्रधानाचार्य पदों पर तदर्थ पदोन्नति के लंबित प्रकरण को अतिशीघ्र निस्तारित किया जाएगा। साथ में दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत एवं 58 वर्ष से अधिक आयु व गंभीर बीमारी से पीड़ित प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों की इस सत्र की तबादला सूची जारी नहीं हो पाई है।
इस प्रकरण को अगले माह के पहले पखवाड़े तक निस्तारित करने पर रजामंदी हुई। बीती 29 दिसंबर, 2016 को प्रधानाध्यापक से तदर्थ प्रोन्नत प्रधानाचार्यों के नई तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर शासन ने सख्त रुख अपनाया। यह तय किया गया कि उक्त सूची में गंभीर बीमारी से पीडि़त प्रधानाचार्यों के प्रकरणों का परीक्षण किया जाएगा, शेष प्रधानाचार्यों को रिक्त पदों पर अनिवार्य रूप से कार्यभार ग्रहण करना होगा।
शासन ने विद्यालयों में स्वच्छकों व चौकीदारों की नियुक्ति की लंबे अरसे से की जा रही एसोसिएशन की मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया। प्रधानाचार्यों को स्वच्छकों एवं चौकीदारों को स्थानीय स्तर पर ही पांच हजार रुपये के मानदेय पर नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया गया। एसोसिएशन की ओर से लागू किए गए ड्रेस कोड को यथावत रखने का निर्णय लिया गया। पुरुष प्रधानाचार्य सफेद कमीज, काली पैंट, लाल या मेहरून टाई और महिला प्रधानाचार्य ऑफ व्हाइट साड़ी, लाल या मेहरून रंग के बार्डर व लाल रंग का ब्लाउज बतौर ड्रेस कोड प्रयोग करेंगी।
अब प्रधानाचार्यों के चिकित्सा अवकाश के प्रकरण मुख्य शिक्षा अधिकारी के बाद सीधे निदेशक को भेजे जाएंगे। शिक्षकों की भांति प्रधानाचार्यों को भी विशेष अवकाश की सुविधा देने को शासन ने हरी झंडी दिखा दी है। एसोसिएशन की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष किए जाने की मांग को उच्च स्तर पर प्रस्ताव भेजने, कार्यालय खर्च 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किए जाने, राष्ट्रपति पुरस्कार व शैलेश मटियानी पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रधानाचार्यों को एक वेतन वृद्धि का लाभ देने के मामले में प्रस्ताव वित्त को भेजने पर सहमति बनी। वार्ता में एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष राजेंद्रपाल सिंह परमार व संरक्षिका विमला रावत शामिल हुए।