5 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव, 4 जुलाई को जारी होगी अधिसूचना
हालांकि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि उनकी किसी भी रस्मी पद में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि ऐसा पद उन्हें लोगों से दूर रखेगा. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई उन्हें बाध्य करेगा तो भी वह उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ेंगे. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि लोगों से मिलकर और उनकी सेवा करके उन्हें खुशी होती है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है.
नायडू ने कहा, ”अगर कोई मुझे बाध्य कर दे तो भी मैं उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने नहीं जा रहा हूं.” मंत्री ने कहा, ”मुझे लोगों से मिलकर, उनके बीच रहकर और उनकी सेवा करके खुशी होती है. मैं कोई रस्मी पद लेकर लोगों से दूर नहीं रह सकता हूं.” नायडू ने हाल में घोषणा की थी कि वह न तो राष्ट्रपति बनेंगे और न ही उपराष्ट्रपति, लेकिन उषा (नायडू की पत्नी का नाम) का पति होने के नाते उन्हें खुशी है.
उन्होंने कहा, ”मैं बिना किसी बाधा के बोलना चाहता हूं और जो महसूस करता हूं वही बोलता हूं, विभिन्न स्थानों की यात्रा करता हूं और उनका खाना खाता हूं.”
राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और नामांकित सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है. इस समय दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या 790 है लेकिन कुछ सीट रिक्त हैं.