NCGG-MEA की भागीदारी के तहत बांग्लादेश के 1,800 सिविल सेवकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

देहरादून,/मसूरी । आज मसूरी स्थित राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) में बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए फील्ड एडमिनिस्ट्रेशन में 2 हफ्ते तक चलने वाले 53वें कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम की शुरुआत की गई। वर्ष 2019 से पहले, बांग्लादेश के 1500 से अधिक सिविल सेवकों को NCGG में प्रशिक्षण दिया गया है। फेज़-1 के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, बांग्लादेश के अन्य 1,800 सिविल सेवकों की कैपेसिटी बिल्डिंग का काम शुरू किया गया है, जिसे 2025 तक पूरा करने की योजना है।यह देश का एकमात्र संस्थान है जिसने बांग्लादेश सिविल सेवा के 1,727 फील्ड-लेवल ऑफिसर्स, जैसे असिस्टेंट कमिश्नर, उप-ज़िला निर्भयी अधिकारी / SDMs और एडिश्नल डिप्टी कमिश्नर को प्रशिक्षित किया है। संस्थान द्वारा बांग्लादेश के सभी तत्कालीन एक्टिव डिप्टी कमिश्नर्स को भी प्रशिक्षण दिया गया। कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रमों की शुरुआत एक दशक पहले से शुरू हो गई थी जिसके बाद से कई प्रशिक्षु अधिकारी बांग्लादेश सरकार में एडिश्नल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी के स्तर तक पहुंचे हैं। परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच शासन का बेहतर तालमेल रहता है। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना 2014 में भारत सरकार द्वारा देश में एक शीर्ष संस्थान के रूप में की गई थी। यह सुशासन, पॉलिसी रिफॉर्म, ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग के साथ-साथ एक थिंक टैंक के रूप में भी काम करता है। NCGG ने विदेश मंत्रालय के साथ भागीदारी करते हुए कई विदेशी देशों के सिविल सेवकों की कैपेसिटी बिल्डिंग की ज़िम्मेदारी अपने हाथ में ली है। इसने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया जैसे 15 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षण में शामिल होने वाले सभी अधिकारी इन सत्रों से अत्यधिक लाभान्वित हुए हैं। कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम का उद्देश्य विकासशील देशों के सिविल सेवकों को अत्याधुनिक ज्ञान, कौशल और ऐसे टूल्स से लैस करना है जिनसे वह इस जटिल और इंटर-डिपेडेंट दुनिया के हिसाब से प्रभावी सार्वजनिक नीति बनाएं और उन्हें कार्यान्वित कर सकें। एक क्रॉस-कंट्री अनुभव प्रदान करने के अतिरिक्त कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम से ऐसी उम्मीद की जाती है कि इसके माध्यम से पहले सुशासन और धीरे-धीरे सतत विकास का लक्ष्य पूरा होगा फिर से सबकुछ करने की आवश्यकता ना पड़े। NCGG द्वारा ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, यूनिवर्सलाइज़ेशन ऑफ पब्लिक सर्विस, सतत विकास लक्ष्यों के लिए दृष्टिकोण, सेवा वितरण में आधार का उपयोग, लोक शिकायत निवारण तंत्र (public grievance redressal mechanism), तटीय क्षेत्र में आपदा प्रबंधन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शुरू की गई पहलों को साझा किया गया है।कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को दिल्ली मेट्रो, स्मार्ट सिटी, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, केंद्रीय सूचना आयोग, भारत निर्वाचन आयोग आदि जैसे विभिन्न विकास कार्यों को देखने के लिए भी ले जाया जाएगा।

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