राज्य स्थापना के 18 वर्षों का ईमानदारी से मूल्यांकन जरूरी : बेबी
देहरादून, । राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को राज्य स्थापना दिवस की 18वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’’ प्राप्त 03 पुलिस अधिकारियों और ‘‘पुलिस पदक’’ प्राप्त 18 अधिकारियों तथा जवानों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर विशिष्ट विवेचना हेतु मनोज कुमार ठाकुर, पुलिस उपाधीक्षक, उत्तरकाशी तथा सर्वोत्तम थाने हेतु संजय कुमार निरीक्षक थाना सितारगंज को पुरस्कृत किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया। राज्यपाल ने अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि 18 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हमें ईमानदारी से मूल्यांकन करना होगा तथा आगे बढ़ने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। अपनी स्थापना के 18 वर्षों में उत्तराखण्ड ने विकास के कई मापदण्डों पर अच्छा प्रदर्शन किया है परन्तु फिर भी कई चुनौतियां अभी भी है जिनका समाधान किया जाना जरूरी है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि राज्य के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों के मध्य आर्थिक-सामाजिक विकास के गैप को मिटाना होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के हाथों में रोजगार देकर ही इस कार्य को किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि वे प्रदेश और देश के विकास में योगदान दें। राज्यपाल ने राज्य निर्माण में मातृशक्ति के योगदान का उल्लेख करते हुए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने का आहवान भी किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अपने संबोधन में राज्य स्थापना के 18 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज 18 वर्ष पूर्ण कर रहा है और किशोरावस्था से यौवन की ओर आगे बढ़ रहा है। राज्य निरंतर प्रगति करता रहेगा, ऐसा विश्वास है। इस अवसर पर हम उन नौजवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने राज्य के लिए अपना बलिदान दिया। हम सभी राज्य आंदोलनकारियों को जिन्होंने राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया, शुभकामनाएं देते हैं। उत्तराखंड पुलिस ने नए नए आयाम स्थापित किए हैं। चाहे साइबर क्राइम हो या अन्य अपराध उत्तराखंड पुलिस ने पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। उत्तराखंड पुलिस बधाई की पात्र है। पुलिस द्वारा देवभूमि की गरिमा का सम्मान रखते हुए अपनी भूमिका का निर्वहन किया गया। चाहे आपदा का समय हो या सामान्य परिस्थितियां जब कभी भी आवश्यकता पड़ी उत्तराखंड पुलिस ने अनुशासित भाव से अपने कर्तव्यों का पालन किया। आज हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं जिस तरह से उत्तराखंड में परिवर्तन आ रहे हैं। तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। अपराधी भी तकनीकी एक्सपर्ट हो रहे है। हमें अपराधियों को अपनी निगरानी व राडार में रखना है। पूरा विश्वास है कि उत्तराखंड पुलिस इस कार्य में पूरी तरह सफल होगी। हमारे राज्य के दो थानों को देश के टॉप 10 सर्वोत्तम थानों में स्थान मिला है। हमारे पुलिसकर्मियों ने एक अलग पहचान बनाई है। हमारी पुलिस अनुशासित है तथा जरूरत पड़ने पर सख्त भी है और व्यवहार में मधुर भी है। पुलिस अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण आस्था के साथ काम कर रही है। आज हमारा राज्य में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। जिन इरादों, आकांक्षाओं के साथ हमारे नौजवानों, माताओं, बहनों, पत्रकार मित्रों, अधिकारियों ने राज्य निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन किया, हम उन आकांक्षाओं की और आगे बढ़ रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हम उन आकांक्षाओ को पूरा करने में सफल होंगे। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कचहरी परिसर देहरादून पहुंचकर राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दो पुलिस पत्रिकाओं का विमोचन भी किया। रैतिक परेड की प्रथम कमाण्डर देहरादून एस.एस.पी श्रीमती निवेदिता कुकरेती, द्वितीय कमाण्डर श्री लोकेश्वर सिंह तथा परेड एडजुटेण्ट श्री शेखर चन्द्र सुयाल थे। रैतिक परेड के उपरांत उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महिला पाइप बैण्ड, डॉग शो, एण्टीटेररिस्ट स्क्वाड डेमो, एस.डी.आर.एफ.डेमो, मोटर साइकिलिंग और घुड़सवारी के हैरतअंगेज प्रदर्शन दिखाकर सभी का मन मोह लिया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, डी.जी.पी अनिल रतूडी सहित बड़ी संख्या में विधायक, वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।