स्वामी विवेकानंद को थीं 31 बीमारियां, इस वजह से हुआ था 39 साल की उम्र में निधन

नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद नए विचार और ऊंची सोच रखने वाले व्यक्ति का नाम है, जिन्होंने देश और देश के युवाओं को एक नई दिशा और ज्ञान दिया। स्वामी विवेकानंद का नाम लेने से ही मन में श्रद्धा और स्फूर्ति दोनों का संचार होता है। 12 जनवरी को पूरे भारत में स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस मनाया जाता है।

क्या आप जानते हैं स्‍वामी विवेकानंद के बारे में ये खास बातें…

इस अवसर पर देश में कई जगह कई कार्यक्रम भी होने वाले हैं लेकिन एक बांग्ला लेखक ने अपनी किताब में स्वामी जी के विषय कुछ साल पहले ऐसी बातें लिखी थी, जिन्हें पढ़ने के बाद इंसानों के बीच सनसनी फैल गई थी।

मशहूर बांग्ला लेखक शंकर ने अपनी किताब ‘द मॉन्क ऐज मैन’ में किया खुलासा

मशहूर बांग्ला लेखक शंकर ने अपनी किताब ‘द मॉन्क ऐज मैन’ में अध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद के बारे में लिखा कि वो अनिद्रा, मलेरिया, माइग्रेन, डायबिटीज़ समेत दिल, किडनी और लिवर से जुड़ी पूरी 31 बीमारियों के शिकार थे। इसी वजह से उनका सिर्फ 39 साल की उम्र में निधन हो गया था।

एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेद का सहारा

शंकर ने लिखा था कि विवेकानंद ने बीमारियों से निजात पाने के लिए कई तरह के साधनों का प्रयोग किया था, उन्होंने ठीक होने के लिए एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेद का सहारा लिया था लेकिन वो असफल रहे थे। उन्हें नींद नहीं आती थी, जिसके कारण वो काफी मानसिक रूप से भी परेशान रहते थे। उनका लीवर सही ढंग से काम नहीं करता था, जिसके कारण वो ठीक से खाना भी नहीं खा पाते थे।

अधिक तनाव और भोजन की कमी के कारण काफी बीमार हो गए थे

लेखक के मुताबिक स्वामी विवेकानंद 1887 में अधिक तनाव और भोजन की कमी के कारण काफी बीमार हो गए थे। उन्हें पथरी भी थी, अनेक रोगों से लड़ते हुए वो काफी कमजोर हो गए थे जिसके कारण ही उन्हें चार जुलाई, 1902 को तीसरी बार दिल का दौरा पड़ा था जिसकी वजह से उन्हें 39 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहना पड़ा।

Source: hindi.oneindia.com

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