स्नान करने का तरीका, लाभ और महत्व

लखनऊ। दैनिक दिनचर्या में स्नान एक महत्वपूर्ण कार्य है। स्नान करने से तन की साफ-सफाई तो होती ही है साथ में मन को शान्ति व उर्जा मिलती है। स्नान एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें जल के द्वारा पूरे शरीर का शुद्धिकरण किया जाता है। पर क्या आप जानते है कि स्नान किस प्रकार और कैसे करनी चाहिए जिससे आपकी समस्याओं का निवारण भी हो सके। read also : आखिर क्या है नवरात्रि और रामनवमी का कनेक्शन?

चलिए हम आपको बताते है स्नान करने का तरीका और उपाय।
1. नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालकर धोना चाहिए उसके बाद पूरे तन पर जल डालना चाहिए। सिर हमारा ब्रहम स्थान होता है इसलिए सबसे पहले ब्रहम स्थान को जल से स्नान कराना शुभ होता है। दूसरा कारण सबसे ज्यादा गर्म हमारा सिर ही होता है, इसलिए सिर की गर्मी पहले दूर करनी चाहिए।
2-स्त्री, पुरूष या बच्चे किसी को भी पूरी तरह से नग्न होकर स्नान नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से जल देवता रूष्ठ हो जाते है, जिससे परिवार में आये दिन संकट आते है और आर्थिक समस्या बनी रहती है।
3-यदि आप गंगा या अन्य किसी नदी में स्नान करते है तो स्नान करने से पूर्व नदी के जल पर तर्जनी अंगुली से ”ऊॅ” लिखकर उसके बाद डुबकी लगाना अधिक पुण्यकारी साबित होता है। इस प्रकार उपाय करने से मन को शान्ति मिलती है एंव घर में धन, दौलत की वृद्धि होती है।
4-घर में प्रतिदिन स्नान करने से पूर्व जिस पात्र में जल भरा हो, उसमें अपनी तर्जनी अंगुली से ”ऊॅ” बनाये उसके बाद स्नान आरम्भ करें। स्नान करते वक्त ”ह्रीं” मन्त्र का जाप करने से आप पूरे दिन उर्जावान रहते है एंव कार्यो में आने वाली बाधायें दूर होकर सफलता के मार्ग प्रशस्त होते है।
5-यदि आपका बृहस्पति ग्रह आपको अशुभ फल दे रहा है तो आप नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें। ऐसा करने से धीरे-धीरे गुरू ग्रह की अशुभता दूर हो जाती है।
6-ऑफिस में आर रही समस्याओं को दूर करने के लिए अपने नहाने वाले पानी में 1 घण्टे पहले 4 लौंग डाल दें उसके बाद स्नान प्रारम्भ करें। नहाने के पश्चात सभी लौंगे पूरे दिन में धीरे खा जायें। यह उपाय आपको 40 दिन तक करना है।
7-अगर आप अवसाद में हो या फिर किसी नकारात्मक उर्जा का शिकार हो तो अपने नहाने वाले जल में एक नींबू निचोड़ स्नान करना चाहिए। यह उपाय कम से कम 40 दिन तक करने से आप तनावमुक्त होकर जीवन जीयेंगे।
8-स्नान करते समय निम्न मन्त्र ”गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलस्मिन्सन्निधिं कुरू” का जाप करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

Source: hindi.oneindia.com

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