सीएम धामी ने श्रीराम कथा के 18वें धार्मिक महा-आयोजन में किया प्रतिभाग

देहरादून, । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को विनोद नगर वॉर्ड स्थित श्री बद्रीनाथ मंदिर में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान-यज्ञ आयोजन समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के 18वें धार्मिक महा-आयोजन में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने श्रीराम कथा सुनी। श्रीराम कथा का वाचन भगवताचार्य डॉ. गीता राम त्रिपाठी द्वारा किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें श्रीराम कथा का साक्षी बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का पूरा जीवन एक दर्शन है। यदि हम उनका अनुसरण कर जीवन मार्ग पर कुछ कदम भी चल पाए तो इस जीवन को सार्थक बना लेंगे। पिता से बनवास पाया तो उन्होंने बताया कि एक पुत्र का धर्म क्या होना चाहिए। भरत को गले लगा कर उन्होंने बताया कि एक बड़े भाई का धर्म क्या होना चाहिए। केवट और सुग्रीव से मिले तो उन्होंने बताया कि एक मित्र का धर्म क्या होना चाहिए। जब रावण से आमना-सामना हुआ तो भी उन्होंने बताया कि शत्रुता के बावजूद हमें कैसे धर्म का पालन करना चाहिए। जब राम राजा बनें तो भी उन्होंने बताया कि एक राजा का धर्म क्या होना चाहिए। इसीलिए वो मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए और आज भी हम कोई चाह रखते हैं तो राम राज्य की चाह रखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम के जीवन की एक-एक घटना और उनका प्रत्येक निर्णय हमें एक आदर्श व्यक्ति बनाने के लिए काफी हैं। राम शांति के भी स्वरूप हैं और शक्ति के भी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि हम सभी 22 जनवरी को उस घड़ी के साक्षी होने जा रहे हैं, जब रामलला अपने जन्मस्थान में विराजमान होंगे। भगवान राम के कृतित्व ने मुझे जीवन में सही राह चुनने में हमेशा सहायता की।

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