सहारा प्रमुख को कोर्ट करारा झटका

नई दिल्ली।उच्चतम न्यायालय ने आज सहारा प्रमुख सुब्रत राय और दो अन्य को दी गयी जमानत समेत सभी अंतरिम राहत रद्द कर दीं लेकिन उन्हें तत्काल जेल भेजे जाने से राहत देते हुए एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि राय के अलावा सहारा के दो अन्य निदेशकों- अशोक रॉय चौधरी और रवि एस दुबे को भी आत्मसमर्पण करना होगा। न्यायालय साथ ही जमानत के सिलसिले में सहारा प्रमुख एवं अन्य की नयी अर्जी पर तीन अक्तूबर को सुनवाई के लिए राजी भी हो गया।
इससे पहले आज सुबह सुनवाई के समय न्यायालय ने सुब्रत राय को हिरासत में लेने का निर्देश दिया था। सहारा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ने जब मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा संपत्ति की बिक्री प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है तो न्यायाधीश काफी नाराज हो गये।
पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप चाहते हैं कि आपकी बातें सुनी जाए, पहले आप जेल जाइये। हमें यह मत बताइये कि हमें क्या करना है। सभी अंतरिम व्यवस्था रद्द की जाती है। सभी को हिरासत में लिये जाने का निर्देश दिया जाता है।’’ पीठ में न्यायाधीश एआर दवे और न्यायाधीश एके सिकरी भी शामिल हैं। धवन ने कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि उन्हें फिर से जेल भेजा जाना चाहिए। ‘‘हमने पिछले निर्देश के मुताबिक 352 करोड़ रुपये पहले ही जमा कर दिए हैं जो 52 करोड़ रुपये अतिरिक्त है। यह उपयुक्त नहीं है।’’
सेबी की तरफ से पेश अधिवक्ता ने बताया कि 58 संपत्तियों को नीलामी के लिये रखा गया और उनमें से आठ को 137 करोड़ रुपये में बेचा गया। उन्होंने यह भी कहा कि संपत्ति में पांच को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। उन्होंने कहा कि सहारा ने उन्हें संपत्ति की जो सूची

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