समय की आवश्यकता के अनुसार एक राष्ट्र एक चुनाव बेहद जरूरीः गणेश जोशी

देहरादून/हरिद्वार, । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने चमन लाल महाविद्यालय लण्ढौरा हरिद्वार में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय एक राष्ट्र एक चुनाव प्रासंगिकता एवं चुनौतियां है। जो वर्तमान में राष्ट्र की एक अहम मांग भी है। जिससे चुनाव पर होने वाला सार्वजनिक खर्च बचाया जा सकता है। मंत्री ने कहा इस चीज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने समझा और इसकी व्यावहारिकता को जानने के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया। जो भारत में एक साथ चुनाव कराने पर गहन मंथन कर रहा है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में निर्बाध रूप से निष्पक्ष चुनाव करना हमेशा से एक चुनौती रहा है अगर हम देश में होने वाले चुनाव पर नजर डाले तो पाते हैं कि हर वर्ष नहीं हर महीने किसी ने किसी प्रकार का चुनाव भारत में होता है। उन्होंने कहा चुनाव की इस निरंतर चलने वाली प्रक्रिया के कारण देश हमेशा चुनावी मोड में रहता है। जिससे देश को भारी नुकसान होता है।
मंत्री ने कहा देश में लोकसभा और राज्यसभा की विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने के मसले पर जो लंबे समय से बहस चल रही है।प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने भी इस विचार का समर्थन कर इसे आगे बढ़ाया है। मंत्री ने कहा वास्तव में समय के साथ वन नेशन वन इलेक्शन बेहद जरूरी और अगर यह लागू होता है तो देश के विकास में मदद करेगा। उन्होंने कहा एक देश एक चुनाव का विचार अगर देश स्वीकार कर ले तो चुनाव में होने वाले भारी खर्चे में कमी आएगी। बार-बार चुनाव होते रहने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। चुनाव पर होने वाले खर्च में होने वाली वृद्धि को रोका जा सकता है, तथा देश की आर्थिक सेहत को मजबूत किया जा सकता है। एक साथ चुनाव कराने से काले धन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और देश में एक साथ चुनाव कराने से सरकारी कर्मचारी और सुरक्षा बलों को बार-बार चुनावी ड्यूटी पर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे उनका समय तो बचेगा ही और वह अपने कर्तव्यों का पालन भी सही तरीके से कर पाएंगे। उन्होंने कहा हमारे यहां चुनाव कराने के लिए शिक्षक और सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं ली जाती हैं। जिससे उनका कार्य प्रभावित होता है। निर्बाध चुनाव कराने के लिए भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाती है।

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