लंबित पड़ी है टिहरी बांध प्रभावित 201 परिवारों के पुनर्वास संबंधी प्रक्रिया

टिहरी, । टिहरी बांध प्रभावितों की पुनर्वास की समस्या का झील बनने के 12 साल बाद भी समाधान नहीं हो पाया है। प्रभावित परिवार भू-धंसाव के जद में आए घरों में रहने को मजबूर हैं लेकिन पुनर्वास निदेशालय की धीमी गति के कारण प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है। टिहरी बांध की झील में अधिक जलभराव के कारण 2010-11 में हुए भू-धंसाव के कारण आसपास के 17 गांव के सैकड़ों परिवारों के घर और भूमि पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थी जिसके बाद प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को भूगर्भीय सर्वे कराया था। गांव के 415 परिवारों को पुनर्वास के लिए चिन्हित किया था। लंबे संघर्ष के बाद जनवरी 2021 में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के नेतृत्व में हुई हाई पावर कमेटी ने चिन्हित परिवारों के पुनर्वास का निर्णय लिया था। पुनर्वास निदेशालय ने दो साल में केवल रौलाकोट के 113, नंदगांव के 24, खांड, गडोली समेत कुल 214 परिवारों की पुनर्वास की सुविधा मुहैया करा पाया है जबकि भटकंडा (लुणेटा), सिल्ला उप्पू, उठड, पयालगांव, कैलबागी, पिपोला खास, पिपोला ढुंगमंदार, कैलबागी, स्यांसू आदि गांव के 201 परिवारों के पुनर्वास संबंधी प्रक्रिया लंबित पड़ी है। इससे प्रभावित परिवार खतरे की जद में रहने को मजबूर हैं।

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