मैक्स ने सहारनपुर में शुरू की ‘फास्ट ट्रैक बायपास सर्जरी’

देहरादून/सहारनपुर, संवाददाता।‘‘फास्ट टै्क सीएबीजी एवं कार्डियक सर्जरी की आधुनिक तकनीकों’’ के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून के विशेषज्ञों ने आज सहारनपुर में मीडिया को सम्बोधित किया। इस मौके पर शिरकत करने वाले डॉक्टरों में शामिल थे डॉ मनीष मेसवानी, सीनियर कन्सलटेन्ट-सीटीवीएस और डॉ संदीप सिंह तंवर, वाईस प्रेज़ीडेन्ट-ऑपरेशन्स एण्ड युनिट हैड, मैक्स सुपर स्पेशलटी, अस्पताल, देहरादून। डॉ मनीष मेसवानी, सीनियर कन्सलटन्ट-सीटीवीएस जो कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी के क्षेत्र में जाना-माना नाम बन चुके हैं, उन्होंने इस मौके पर कहा ‘‘यह एक सरल प्रक्रिया है। ‘फास्ट टै्रक सीएबीजी’ एक तर्कसंगत प्रक्रिया है जो मरीज़ की काउन्सलिंग के साथ उसी समय शुरू हो जाती है, जब वह आपसे ओपीडी में मिलता है। विशेषज्ञों और एनेस्थेटिस्ट्स की अनुभवी टीम के साथ हम उसी पारम्परिक प्रक्रिया को फास्ट टै्रक के रूप में अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट सर्जरी) एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें कोरोनरी धमनी (ऐसी रक्तवाहिका जो दिल को खून पहुंचाती है) के ब्लॉक हो चुके हिस्से के नज़दीक एक ‘बायपास’ बनाई जाती है ताकि दिल की पेशियों को फिर से खून की आपूर्ति ठीक से होने लगे। बायपास शरीर के अन्य हिस्सों जैसे टांग, हाथ, छाती की दीवार आदि से रक्त वाहिका (ग्राफ्ट) लेकर बनाई जाती है। ग्राफ्ट का एक हिस्सा आर्योटा (महाधमनी) के साथ जोड़ा जाता है जबकि दूसरा हिस्सा ब्लॉक हो चुकी कोरोनरी धमनी के साथ जोड़ा जाता है। इस तरह बायपास बनाकर ब्लॉक को दूर कर दिया जाता है। आमतौर पर इस तकनीक में छाती के सामने स्टर्नम या ब्रेस्टबोन से चीरा लगाया जाता है।’’ उन्होंने सर्जरी के परिणामों और इसकी कामयाबी के बारे में भी बताया। ‘‘मरीज़ को समझना चाहिए सीएबीजी कोरोनरी धमनी रोग की प्रक्रिया को रोकती नहीं है। यह केवल रोग के हानिकर प्रभाव का इलाज है।’’’ इस मौके पर डॉ संदीप सिंह तंवर, वाईस प्रेज़ीडेन्ट-ऑपरेशन्स एण्ड युनिट हैड, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून ने कहा,‘‘हमें गर्व है कि हम सहारनपुर में ‘फास्ट टै्रक बायपास सर्जरी’ शुरू करने जा रहे हैं। यह प्रक्रिया न केवल भविष्य में हार्ट अटैक की संभावना को कम करती है बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि मरीज़ जल्दी ठीक हो जाए। इसमें मरीज़ को कम समय के लिए अस्पताल में रुकना पड़ता है जिससे निश्चित रूप से इलाज का खर्च और बिल कम हो जाता है। हम क्षेत्र में दिल की बढ़ती बीमारियों और कोरोनरी धमनी रोगों को देखते हुए किफ़ायती दरों पर ये सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। हम सहारनपुर के निवासियों को विश्वस्तरीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

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