मेयर के अधिकारों में कटौती

देहरादून,। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से नगर निगम के मेयर की शक्तियों में कटौती विपक्ष भाजपा के लिए झटका देने वाला पैंतरा साबित हो सकता है। दरअसल, इस फैसले का सीधा असर भाजपा पर ही पड़ेगा। क्योंकि राज्य के छह नगर निगमों में से रुड़की को छोड़ कर शेष पांच निगमों में मेयर पद पर भाजपा ही काबिज है। रुड़की में पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी मेयर पद पर विजयी रहा था। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सूबे की कांग्रेस सरकार ने विपक्ष भाजपा को एक बड़ा झटका दे दिया है। यह झटका है मेयर के अधिकारों में कटौती। मेयर अब पहले की तरह कार्मिकों की सीआर नहीं लिख सकेंगे। अब राजधानी देहरादून समेत राज्य के पांच नगर निगमों के मेयर पद पर भाजपा का ही कब्जा है, तो इससे भाजपा का खफा होना भी लाजिमी है। बहुत संभव है कि भाजपा इसे आने वाले विधानसभा चुनाव में भी एक बड़ा मुद्दा बनाए। पहले से ही तमाम मुद्दों पर एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा करती आ रही कांग्रेस और भाजपा के बीच सरकार के इस ताजे फरमान से नई सियासी जंग छिड़नी तय है।गौरतलब है कि राज्य में कुछ छह नगर निगम वजूद में हैं। राजधानी देहरादून में सबसे पहले नगर निगम बनाया गया जबकि बाकी पांच शहरों में अभी कुछ साल पहले ही नगर निगम वजूद में आए। वर्तमान में पांच मेयर भाजपा के हैं।इनमें देहरादून में विनोद चमोली, हरिद्वार में मनोज गर्ग, रुद्रपुर में सोनी कोली, काशीपुर में उर्मिला चौधरी और हल्द्वानी में जोगेंद्र रौतेला मेयर हैं। रुड़की में यशपाल राणा मेयर हैं जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ कर जीते थे। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया।

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