माल्या को हो फायदा, इसके लिए मनमोहन सिंह की सरकार ने नियम कानून को किया दरकिनार

नई दिल्ली। यूं तो 2004 से 2014 तक यूपीए का शासनकाल विवादों से परे तो नहीं रहा। रह रह कर अब भी घोटालों और विवादों की फाइलें सामने आती ही रहती हैं। एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विवादों में फंस सकते हैं। ये विवाद फरार शराब कारोबारी विजय माल्या से जुड़ा है।

अंग्रेजी समाचार चैनल CNN News 18 के अनुसार अपने कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह ने किंगफिशर एयरलाइंस को घाटे से निकालने के लिए मदद की थी। चैनल की रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2013 के बीच माल्या ने कई ई-मेल पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को किए थे, जिसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से मदद की गई। इस संबंध में माल्या ने मनमोहन सिंह को पत्र भी लिखा था।

इतना ही नहीं खुलासा हुआ है कि माल्या को मदद करने के लिए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए किंगफिशर एयरलाइंस को ऋण से जुड़े मामले में राहत भी दी गई थी। रिपोर्ट की मानें तो इस दौरान विजय माल्या लगातार पीएमओ के संपर्क में थे। CNN की रिपोर्ट के अनुसार विजय माल्या को लाभ मिले इसके लिए वित्त मंत्रालय और पीएमओ के बड़े अधिकारियों ने नियम कानून ताक पर रख दिए थे। माल्या की ओर मनमोहन को किए गए ई-मेल वित्त मंत्रालय को फार्रवर्ड कर दिए जाते थे।

इससे पहले माल्या ने ट्वीट कर माल्या ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( SEBI)से उनके खिलाफ लगाए गए फर्जीवाड़े के आरोप का सबूत मांगा है। माल्या ने ट्वीट कर के कहा कि मुझ पर हमला करने से पहले सीबीआई और सेबी से इस संबंध में सबूत के लिए कठिन सवाल पूछे जाएं कि मैंने क्या फर्जीवाड़ा किया है। ये भी पढ़ें: विजय माल्या ने कहा- मुझे कुछ कहने से पहले CBI और SEBI दे सबूत

Source: hindi.oneindia.com

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