ममता बनर्जी ने ठुकराई राजनाथ सिंह की सलाह, गवर्नर से जारी विवाद में आया नया मोड़
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने उत्तरी 24 परगना जिले के कुछ हिस्से में हो रहे दंगों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगातार तीसरे दिन लताड़ते हुए कहा है कि वह ‘किसी भी जाति, पंथ या समुदाय में भेद के बिना शांति बनाए रखने’ के लिए बाध्य हैं.
राजधानी कोलकाता से सिर्फ 60 किलोमीटर की दूरी पर हो रही हिंसक घटनाओं पर राज्यपाल की कड़ी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता मंत्रिमंडल के सदस्य सुब्रत मुखर्जी ने राज्यपाल को ‘तोता’ बताया, और अपनी पार्टी के दावे को दोहराया कि केशरीनाथ त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इशारे पर मुख्यमंत्री को नीचा दिखाने के लिए काम कर रहे हैं.
दरअसल, कुछ दिन पहले फेसबुक पर मुस्लिमों के खिलाफ एक पोस्ट के बाद बशीरहाट और आसपास के इलाकों में हिंसा फैल गई थी, और भीड़ के रूप में लोगों ने मुख्य सड़कों और ट्रेन की पटरियों को रोक दिया था, और वाहनों में आग लगाने की वारदात भी हुई थीं. इसी हिंसा के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच यह तनातनी शुरू हुई थी.
पश्चिम बंगाल में बदुरिया, बशीरहाट, हरोआ, स्वरूपनगर तथा देगंगा इलाकों में हिंसा फैली है…
बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों नेताओं को फोन कर विवाद को खत्म करने के लिए कहा था. उनकी सलाह को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने लगभग तुरंत ही दरकिनार कर दिया, और कहा कि वे गवर्नर के आवास राजभवन को ‘बीजेपी के दफ्तर में तब्दील’ नहीं होने दे सकते.
ममता बनर्जी और उनकी पार्टी का कहना है कि वर्ष 2014 में नियुक्त किए गए गवर्नर ने निष्पक्षता को पूरी तरह त्याग दिया है, और पक्षपातपूर्ण ढंग से बीजेपी के एजेंडा – राज्य के संवेदनशील हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव फैलने के लिए मुख्यमंत्री को ज़िम्मेदार ठहराना – को प्रमोट कर रहे हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि वास्तव में बीजेपी तथा उसका वैचारिक संरक्षक कहा जाने वाला संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ही हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़का रहे हैं, ताकि राज्य के हिन्दू वोटरों में अपनी पैठ बना सकें.
आगज़नी की वारदात के बीच बशीरहाट और आसपास के इलाकों में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान गश्त कर रहे हैं…
दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी लगातार मुस्लिमों का तुष्टीकरण करती रही हैं, क्योंकि वे उनकी पार्टी का अहम वोटबैंक हैं, और इसी वजह से दंगाइयों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वे खुद को कानून से परे समझने लगे हैं, और इसी कारण राज्य में बसे हिन्दू बीजेपी के पास इस उम्मीद में आ रहे हैं कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करेगी.
बशीरहाट और उसके आसपास के इलाकों में बुधवार को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान पहुंचे थे, और वे लगातार गश्त कर रहे हैं. हालांकि कोई बड़ी हिंसक वारदात नहीं हो पाई है, लेकिन इलाके में पूरी तरह शांति भी स्थापित नहीं हुई है. सड़कों पर बम भी फेंके जा रहे हैं, और आगज़नी की वारदात भी जारी हैं.
जिस हिन्दू किशोर ने पैगम्बर मोहम्मद के लिए आपत्तिजनक पोस्ट फेसबुक पर डाला था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि उस किशोर को इस्तेमाल किया गया है. राज्यसभा सांसद हसन अहमद इमरान ने कहा, “उस लड़के को वह पोस्ट डालने के लिए किसने उकसाया…? उन्होंने एक नाबालिग को चुना, क्योंकि वे जानते हैं कि वे इसी वजह से बचकर निकल जाएगा…”
सोमवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने ममता बनर्जी से हालात पर स्पष्टीकरण मांगा था, और उसके बाद ममता ने राज्यपाल पर उन्हें अपमानित करने का सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया, और कहा कि राज्यपाल की टिप्पणियों से उन्होंने इस्तीफा तक दे देने के बारे में विचार किया. इसके बाद गवर्नर ने एक बयान जारी किया, और उनकी शिकायतों को खारिज करते हुए कहा कि राज्यपाल से हुई बातचीत को पत्रकारों को बताकर मुख्यमंत्री ने गोपनीयता का उल्लंघन किया है. केशरीनाथ त्रिपाठी ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ‘बंगाल के लोगों को इमोशनली ब्लैकमेल करने’ की कोशिश कर रही हैं.