भारत ने हाफिज सईद के आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल होने पर क्या कहा
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को आतंकवादियों की लिस्ट में डालने के बाद भारत की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से पाक के इस फैसले को एक न्यायसंगत फैसला बताया गया है। शनिवार को पाक की ओर से हाफिज सईद को एंटी-टेररिज्म एक्ट (एटीए) के तहत आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया गया है।
पाक का पहला तार्किक कदम
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पाक के इस फैसले पर भारत की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला पाक की ओर से अतंराष्ट्रीय आतंकवादी को इंसाफ के दायरे में लाने की दिशा में लिया गया एक न्यायपूर्ण और तर्कसंगत कदम है। स्वरूप ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पाक की ओर से इंसाफ और आतंकवाद और हिंसा के दोहरे खतरे को कम करने की लड़ाई में साथ आने की दिशा में यह पहला कदम है। पाक के इस कदम के बाद कहा जा रहा है कि पाक ने एक तरह से अब यह मान लिया है कि हाफिज सईद एक आतंकवादी है। पाक की पंजाब प्रांत सरकार ने सईद और उसके करीबी सहयोगी काजी काशिफ को (एटीए) की चौथी लिस्ट में शामिल किया है। इस लिस्ट में तीन अन्य लोगों अब्दुल्ला ओबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद के नाम भी शामिल किए गए हैं। सईद और चार अन्य को उसकी पार्टी और राजनीतिक सहयोगियों के गुस्से और हंगामे के बीच 30 जनवरी को नजरबंद किया गया था।
क्या हैं लिस्ट में शामिल होने के मायने
सईद को वर्ष 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था लेकिन वर्ष 2009 में अदालत ने उसे रिहा कर दिया था। डॉन की खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय ने इन पांच लोगों की पहचान जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत के सक्रिय सदस्य के रूप में की है। मंत्रालय ने एंटी-टेररिज्म डिपार्टमेंट को इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। खबर के मुताबिक चौथी लिस्ट में सिर्फ नाम शामिल होना ही यह बताता है कि उस व्यक्ति का किसी न किसी तरह से आतंकवाद से संबंध है। इस लिस्ट में शामिल लोगों को ट्रैवेल बैन और प्रॉपर्टी की जांच का सामना करना पड़ सकता है। इस चौथी लिस्ट के नियम को तोड़ने वाले को तीन साल की कैद और जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
Source: hindi.oneindia.com