बीफ फेस्ट पर बवाल जारी : IIT प्रशासन कर सकता है दोनों पक्षों पर कार्रवाई
चेन्नई: आईआईटी मद्रास में बीफ फेस्ट के मुद्दे पर उठा बवाल थम नहीं रहा. एक छात्र के साथ मारपीट और उसके बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों के बाद आज आईआईटी प्रशासन इस मामले में दोनों पक्षों पर कार्रवाई कर सकता है. इससे पहले पीएचडी छात्र से पिटाई के मामले में पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. तो दूसरी तरफ केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ इस मुद्दे पर अन्य मु्ख्यमंत्रियों को लामबंद करने की मुहिम शुरू कर दी है. उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की पहल की है. कुछ दिनों पहले उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे पर चिट्ठी लिखकर केंद्र की मनमानी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी.
बुधवार को आईआईटी चेन्नई के परिसर के बाहर काफी हंगामा हुआ. पुलिस ने कई प्रदर्शकारियों को गिरफ्तार किया. ये लोग उन राइट विंग छात्रों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, जिन्होंने कथित तौर पर पीएचडी छात्र सूरज के साथ मारपीट की. दरअसल, आर सूरज नाम के छात्र को इस कदर पीटा गया कि उसके गाल पर फ्रैक्चर और आंख के पास गहरा ज़ख्म हो गया.
सूरज की पिटाई के मामले में जांच के आदेश
उधर, आर सूरज की पिटाई के मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. छात्र की पिटाई का आरोप कथित तौर पर राइट विंग हिंदूवादी संगठनों से जुड़े छात्रों पर है. सूरज उन 80 छात्रों में से एक था जिसने केंद्र के फैसले के विरोध में बीफ खाकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र के अध्यादेश पर 1 महीने की रोक लगाई
गौरतलब है कि मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने केन्द के उस अध्यादेश पर तकरीबन एक महीने के लिए रोक लगा दी, जिसमें जानवरों की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था. मद्रास हाइकोर्ट ने मवेशियों को काटने के कारोबार पर रोक की केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से इस मसले पर जवाब मांगा है और इसके लिए चार हफ्ते की समय सीमा तय की है. नई अधिसूचना में मवेशियों को काटने के लिए खरीदे बेचने पर रोक लगाई गई है, हालांकि इस बीच ये खबरें भी आई कि केंद्र सरकार नए कानून की समीक्षा कर रही है और नहीं काटे जाने वाले मवेशियों में से भैंस को बाहर किया जा सकता है.