बीज घोटाले के आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी पर रोक

नैनीताल : हाईकोर्ट ने तराई बीज निगम के अधिकारियों की गिरफ्तारी पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।

तराई बीज निगम हल्दी पंत नगर के प्रशासनिक अधिकारी सीके सिंह ने 7 जुलाई 2017 को एक प्रथम सुचना रिपोर्ट पन्तनगर थाने में इस आशय से लिखायी थी कि वर्ष 2015-2016 में निगम को गेहूं के विक्रय से 16 करोड़ का घाटा हुआ था।

इसकी जांच कराने के लिए 29 जुलाई 2016 को अपर मुख्य सचिव कृषि ने चार सदस्यों की कमेटी गठित की। जिसमे डॉ. रणवीर सिंह अपर मुख्य सचिव कृषि एंव विपणन, जीएस मर्तोलीया आईजी कार्मिक, गौरी शंकर निदेशक कृषि, सुनील पाथरी अपर सचिव कार्मिक ने अपनी अपनी जाँच रिपोर्ट 29 जून 2017 को निगम को सौप दी।

जांच में निगम को 16 करोड़ रूपये का घाटा दिखाया ये घाटा निगम  के 10 प्रशासनिक अधिकारियो के कारण हुआ है। जिनका नाम अतुल पांडे लेखाअधिकारी (मृत), जीसी तिवारी लेखाकार, शिव मंगल त्रिपाठी प्रशासनिक अधिकारी, बीड़ी तिवारी उप मुख्य वित्त अधिकारी,  अजित सिंह उप मुख्य विपणन अधिकारी, एके लोहनी उप मुख्य विपणन अधिकारी (सेवानिवृत्त), दीपक पांडे मुख्य बीज उत्पादक अधिकारी, पीके चौहान मुख्य अभियंता (निलंबित), ततकालीन विपणन अधिकारी (सेवानिवृत्त) आरके निगम कम्पनी सचिव, पीएस बिष्ठ पूर्व निदेशक को दोषी पाया गया।

निगम ने इन अधिकारियो के खिलाफ एफआईआर पंतनगर में 7 जुलाई 2017 को लिखाई गई। आज अपनी गिरफदारी से बचने के लिए पीएस बिष्ठ, पीके चौहान, अजित सिंह, बीड़ी त्रिपाठी, शिव मंगल त्रिपाठी, जीसी तिवारी और आरके निगम ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश तक इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। अगली सुनवाई की तिथि 10 अगस्त की नियत की है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बीके बिष्ठ की एकलपीठ में हुई।

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