बदरीनाथ में भगवान आदिनाथ के भी होते हैं दर्शन

गोपेश्वर(चमोली) : बदरीनाथ यात्रा पर आए जैन मुनि ज्ञान सागर महाराज ने धाम में अपने 23वें तीर्थांकर भगवान आदिनाथ के भी दर्शन होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पूर्व यहां भगवान आदिनाथ ने यहां अपने शिष्यों को ‘अहिंसा परमो धरम:’ की शिक्षा देकर घोर तप किया था।

बदरीनाथ यात्रा से लौटते हुए नंदप्रयाग में पत्रकारों से रूबरू जैन मुनि ज्ञान सागर महाराज ने कहा कि बदरीनाथ में भगवान के आदिनाथ रूप में दर्शन होते हैं। कहा कि जैन समाज गाय के साथ सभी प्रकार के जीवों की हत्या को महापाप मानता है। ऐसे में जैन समाज से जुड़े कुछ व्यवसायी, जो गोश्त का व्यापार करते हैं, उनका समाज सामाजिक बहिष्कार करता है। उन्होंने गुजरात के टापर छात्र की जैन मुनि बनने की इच्छा को सही बताते हुए कहा कि शिक्षित लोग अगर धर्म के मार्ग पर आते हैं तो यह उचित ही है।

जैन मुनि ने कहा कि दो शब्द आज के समाज में हर ओर व्याप्त दिखाई देते हैं। जाति-धर्म, अमीरी-गरीबी जैसी बुनियादी स्थितियों की परवाह किए बिना आज की युवा पीढ़ी स्मार्ट और मॉर्डन बनने को आतुर है। देश के अधिकांश युवा भूल चुके हैं कि उनका मूल मुनियों और आचार्यों की साधना से जुड़ा हुआ है। हमारे प्राचीन समय से स्थापित संस्कार जीवन को सफलता व शांति के मार्ग पर ले जाने में सक्षम हैं। लेकिन, युवाओं को यह बात समझाने वाले लोग आज कम ही हैं। जबकि, स्मार्ट होने का वास्तविक अर्थ होशियार, फुर्तीला या चतुर होना है।

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