प्राकृतिक वन सम्पदा जलकर हो रही राख

रुद्रप्रयाग, । रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के जंगल इन दिनों चारों ओर से धूं-धूं करके जल रहे हैं, लेकिन वन विभाग वनाग्नि पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा है। जिस कारण करोड़ों रूपये की प्राकृतिक वन सम्पदा जलकर राख हो रही है। जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से मात्र पांच किमी दूर भटवाड़ी सैंण में केदारनाथ हाईवे किनारे जंगलों में भयकंर आग लगी हुई और यहां से वन विभाग का कार्यालय मात्र आठ किमी दूर है, मगर इसके बावजूद भी वन विभाग की टी मौके पर नहीं पहुंच रही है। यही हाल जिले के अन्य क्षेत्रों के भी हैं। वनों में लगी आग के कारण आम जनता का जीना भी मुश्किल हो गया है। रुद्रप्रयाग और केदारनाथ वन प्रभाग के जंगल इन दिनों सम्पूर्ण रूप से वनाग्नि की चपेट में आ गये हैं। चारो ओर लगी आग के कारण आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है। चारों ओर धुंआ ही धुंआ छाया हुआ है। कई गांवों को भी वनाग्नि से खतरा बना हुआ है। जंगलों में लगी आग के कारण मोटरमार्गों पर चलने में भी खतरा बना हुआ है। जगह-जगह जंगलों से पत्थर गिर रहे हैं। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के अंतर्गत भटवाड़ी सैंण के जंगलों में भयावह आ लगी हुई है। भटवाड़ी सैंण जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से मात्र पांच किमी की दूरी पर स्थित है। जबकि वन विभाग का कार्यालय यहां से आठ किमी दूर है। क्षेत्र के ग्रामीण वन विभाग को कई बार आग लगने की सूचना दे चुके हैं, लेकिन विभाग मौके पर आग बुझाने के लिये नहीं पहुंच रहा है। वन विभाग की यह लापरवाही हरेक क्षेत्र में देखी जा रही है। जखोली रेंज की बात करें तो लौंगा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में जंगल पूर्ण रूप से आग की चपेट में आ गये हैं। इस बार फायर सीजन से पहले ही जंगलों में लाग लगी हुई है। पिछले वर्षों में मई-जून माह में जंगलों में आग लगती थी, लेकिन इस बार जनवरी के महीने से ही जंगल वनाग्नि की चपेट में हैं। सर्दियों के मौसम में भी जंगल पूर्णतः आग की चपेट में रहे। इन दिनों जंगलों में आग की विकराल स्थिति है। यदि समय पर बारिश नहीं होती है और आग पर काबू नहीं पाया जाता है तो आगामी अप्रैल-मई माह में ओर भी बुरी स्थिति हो जायेगी। जंगलों में लगी आग का बुरा असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ सकता है।

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