प्रदर्शनकारियों ने तोड़े बैरियर
गैरसैंण/देहरादून, ;इं.वा. संवाददाता। गैरसैंण में उत्तराखंड सरकार के बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। अंदर और बाहर दोनों ही जगह गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा परिसर के बाहर और दिवालीखाल, जंगल चट्टी, गैरसैंण, मेहलचौरी में आंदोलनकारियों ने जबरदस्त प्रदर्शन। पुलिस ने पानी की बौछार कर आंदोलन को दबाने की कोशिश की। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरियर तक तोड़ डाले। वहीं कुछ पुलिस को चकमा देकर विधानसभा परिसर तक घुसने में सफल रहे। पुलिस ने कई आंदोलनकारियों को पकड़ कर अस्थायी जेल भेज में रखा है।
बजट सत्र के पहले ही दिन आंदोलनकारियों ने अपनी ताकत दिखाई। तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद उत्तराखंड राज्य संघर्ष समिति और यूकेडी से जुड़े प्रदर्शनकारी जंगलों के रास्ते अलग-अलग टुकड़ियों में विधानसभा परिसर में घुस गए। इन्हें देख सुरक्षा कर्मियों के हाथपांव फूल गए। भारी भरकम पुलिस बल जब उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ा तो आंदोलनकारी झंडे पर्चे हाथ में लेकर आगे बढ़ने लगे। यूकेडी के त्रिवेंद्र पंवार, किशोरी नंदन डोभाल समेत सौ से अधिक आंदोलकारी जंगल के रास्ते विधानसभा परिसर में पहुंच गए। इधर, राजेंद्र सिंह कनोडियां बिष्ट के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दूसरे जंगल के रास्ते विधान सभा परिसर में आ गए। हालांकि उस समय भोजनावकाश था, सदन की कार्यवाही नहीं चल रही थी। मगर सदन के बाहर पसरी खामोशी को आंदोलनकारियों ने नारेबाजी से तोड़ा। पुलिसकर्मियों ने इन आंदोलनकारियों पकड़ लिया। आंदोलनकारियों को वाहनों में ठूंस कर मालसी और दूसरे स्थानों पर बनी अस्थायी जेलों में भेज दिया। सबसे ज्यादा हंगामा दिवालीखाल में देखने को मिला। यहां पर भारी बेरिकेंटिंग की गई थी। जैसे ही आंदोलकारी आगे बढ़े सुरक्षा कर्मियों ने पानी की बौछारों से उन्हें रोकना चाहा। कुछ आंदोलनकारी पानी के टैंकर पर ही चढ़ गए। वाटर टैंक के पाइप को हाथ से दबा दिया। इधर, सीपीआईएम समेत अन्य वामपंथी दलों ने भी गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर सभाएं की। सीपीएम के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, भूपाल सिंह रावत, मदन मिश्रा समेत कई आदोलनकारियों ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस स्थायी राजधानी के नाम पर जनता के साथ छलावा कर रहे हैं।