पौड़ी जिले में असहायों के सहाय बने खंड के नौजवान

पौड़ी: जरूरी नहीं कि बीमारों को उपचार देकर ही समाज स्वस्थ हो सकता है। गरीब एवं जरूरतमंदों का संबल बनकर भी स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। इसकी बानगी पेश कर रहे हैं थलीसैंण प्रखंड (पौड़ी) के खंड मल्ला व तल्ला गांव के युवा।

जनहित विकास समिति बनाकर ये युवा गांव के हर जरूरतमंद की मदद करने में जुटे हुए हैं। ध्येय है ऐसे समाज का निर्माण, जिसमें किसी को कोई कष्ट न हो। खास बात यह कि इसके लिए ये युवा किसी के आगे हाथ फैलाने के बजाय स्वयं के स्तर से प्रयास कर धनराशि एकत्रित करते हैं।

जिला मुख्यालय पौड़ी से करीब सौ किमी की दूरी पर दो सौ से अधिक परिवारों वाले खंड मल्ला व तल्ला गांव के इन युवाओं ने वर्ष 2016 में जरूरतमंदों की सेवा का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने एक समिति बनाई, जिसे नाम दिया जनहित विकास समिति और जुट गए सेवा कार्य में। किसी असहाय को दवा की जरूरत हो या किसी विधवा, विकलांग व वृद्ध को पेंशन की, ये युवा हर कदम पर उसके सारथी की भूमिका निभाते हैं।

समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह व कोषाध्यक्ष मातवर सिंह बताते हैं कि समिति अब तक 19 जरूरतमंद महिलाओं को राशन की सुविधा दिला चुकी है। जबकि, दो विधवाओं को उनकी बेटियों की शादी के लिए पांच-पांच हजार रुपये से अधिक का सहयोग दिया गया। इसके अलावा एक विधवा का हाथ फ्रैक्चर होने पर उपचार के लिए दस हजार रुपये की मदद दी गई।

मेधावी बच्चे किए सम्मानित

समिति मेधावी बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित कराती है। इस बार भी सांस्कृतिक आयोजन में बेहतर अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मैडल देकर सम्मानित किया गया।

इससे जरूरतमंद लोगों को संबल प्रदान होता है

पौड़ी गढ़वाल के खंड मल्‍ला निवासी गोविंद सिंह नेगी का कहना है कि जरूरतमंद लोगों को संबल प्रदान करने के लिए समिति से जुड़े युवा आपस में धनराशि एकत्र करते हैं।  इसमें उन्हें ग्रामीणों का सहयोग भी मिलता है। हमारी कोशिश है कि सामाजिक सरोकारों की यह मुहिम अनवरत चलती रहे।

आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर इन युवाओं ने मुझे राशन दिया

खंड मल्ला निवासी हीरा देवी का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर इन युवाओं ने मुझे राशन व अन्य सामग्री दी। इसके लिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं। अब मुझे भरोसा है कि इन युवाओं का सहारा मिलता रहेगा।

मुझे उपचार के लिए रुपये दिए

खंड मल्ला निवासी झावरी देवी का कहना है कि मेरे हाथ पर चोट लगी थी, लेकिन उपचार के पैसे नहीं थे। गांव के युवाओं ने आपस में धनराशि एकत्रित कर मुझे दस हजार रुपये दिए। इसके बाद ही मैं उपचार करा सकी।

युवाओं की पहल आज आपसी प्रेमभाव का परिचायक बन चुकी है 

खंड मल्ला निवासी सुका देवी का कहना है कि गांव के युवाओं ने जो पहल की है, उससे लोगों को काफी सहारा मिला है। मुझे भी युवाओं ने राशन सामग्री दी। इन युवाओं की पहल आज आपसी प्रेमभाव का परिचायक बन चुकी है।

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